पब्लिक फर्स्ट |नई दिल्ली

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने आज शुक्रवार (14 जुलाई) को चंद्रयान-3 मिशन को सक्सेसफुली लॉन्च किया। दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया है। 16 मिनट बाद चंद्रयान को रॉकेट ने पृथ्वी की ऑर्बिट में प्लेस किया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस सक्सेसफुल लॉन्च के बाद कहा कि चंद्रयान 3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है।

चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी।

चंद्रयान-3 के लॉन्च पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!’

चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। हमारे LVM3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित कर दिया है… हम चंद्रयान-3 के लिए शुभकामनाएं देते हैं ताकि वह आने वाले दिनों में चंद्रमा की ओर सफल यात्रा कर सके-एस. सोमनाथ, इसरो प्रमुख

हाईलाइट

  • अब तक तीन देश ही चांद पर लैंड कर चुके हैं
  • भारत अगले महीने इतिहास रचने वाला है
  • अमेरिका, रूस, चीन के बाद चांद को चूमेगा भारत

चांद पर दौड़ेगा भारत का 6 पहिए वाला ‘साइंटिस्ट’
मंत्री ने कहा, ‘स्पेस के क्षेत्र में हमारी विशेषज्ञता में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। चांद को चूमने में अब भारत को ज्यादा इंतजार नहीं करना है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चांद पर उतरने के बाद चंद्रयान-3 का छह पहिए वाला रोवर लैंडर से बाहर आएगा और चांद की सतह पर इसके 14 दिनों तक काम करने की उम्मीद है। सिंह ने बताया कि रोवर पर लगे कई कैमरों की मदद से हम तस्वीरें हासिल कर सकेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक स्पेस सेक्टर में पहले के टैबू को तोड़ने का श्रेय पीएम मोदी को देते हुए सिंह ने कहा कि पीएम के हालिया अमेरिका दौरे के समय स्पेस क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। यह दिखाता है कि जिस देश ने भारत से काफी पहले स्पेस जर्नी शुरू कर दी थी, वह भी आज भारत के साथ बराबरी में जुड़ना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से ग्रोथ हो रही है उससे भारत का स्पेस सेक्टर आने वाले वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है। 2020 में दुनिया की स्पेस इकोनॉमी में भारत की हिस्सेदारी मात्र 2.1 प्रतिशत थी। चंद्रयान-3 मिशन का पूरा बजट 615 करोड़ रुपये है।

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का रोवर चांद की सतह का अध्ययन करेगा और यह लैंडर के अंदर बैठकर जा रहा है। इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से होगी। चंद्रयान-3 मिशन के तहत इसरो 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा। लैंडर के मिशन की पूरी अवधि एक चंद्र दिवस की रहने वाली है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है।

सूर्योदय में होगी लैंडिंग
दिलचस्प यह है कि यान के सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए तारीख इस आधार पर तय की जाती है कि चंद्रमा पर सूर्योदय कब होता है। लैंडिंग करते समय, सूरज की रोशनी होनी चाहिए। चंद्रमा पर 14-15 दिन तक सूरज की रोशनी होती है और अगले 14-15 दिन तक सूरज की रोशनी नहीं रहती है।

publicfirstnews.com

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