पब्लिक फर्स्ट | उदयपुर।

प्रदेश में स्कूली छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलों का रंग भी सरकार बदलते ही बदलता रहा है। लेकिन करीब 17 साल बाद यह ट्रेंड टूटेगा। इस बार भाजपा की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल में तय की गई काले रंग की साइकिलें ही बांटने का फैसला किया है। हालांकि भाजपा की पूर्ववर्ती सरकारें इससे पहले भगवा रंग की साइकिलें ही बालिकाओं को बांटती रही हैं। जबकि कांग्रेस की सरकार के समय हमेशा काले रंग की साइकिलें बंटती रही हैं। 2008 में भाजपा की सरकार ही शुरू की थी यह योजना प्रदेश में 8वीं के बाद स्कूल दूर होने से 60% ग्रामीण बच्चियां स्कूल छोड़ देती थीं। ऐसे में 2008 में भाजपा सरकार ने बच्चियों को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल वितरण की योजना शुरू की थी। यह हर वर्ग की छात्रा को दी जाती है। शुरुआत में केसरिया रंग की साइकिलें बांटी गई थी। प्रदेश में 7 लाख 58 हजार 791 साइकिलें वितरित की जानी हैं। इनका वितरण शुरू कर दिया गया है। कई जिलों में काले रंग की साइकिलें ही बांटी जा रही हैं।

कारणः लोस चुनाव की आचार संहिता और 15 करोड़ रुपए का आर्थिक भार

सूत्रों के अनुसार एक साइकिल की कीमत 3857 रुपए है। रंग बदलने के लिए साइकिल कंपनियां 200 रुपए अतिरिक्त मांग रही थीं। ऐसे में 15 करोड़ 17 लाख रुपए अतिरिक्त देने पड़ते।

  • कांग्रेस राज में ऑर्डर की गई साइकिलों की सप्लाई की अंतिम तिथि 16 मार्च 2024 है। रंग बदलना लोस चुनाव से पहले संभव नहीं था। फिर आचार संहिता लग जाती। क्योंकि कांग्रेस सरकार ने विस चुनाव से पहले आनन-फानन टेंडर आदि किए। पार्ट्स भी भेज दिए। रंग बदलने के लिए नए सिरे से टेंडर करने होते। पार्ट्स को वापस मंगाने होते और रेट भी प्रभावित हो रही थी ।
  • माध्य. शिक्षा निदेशालय के मुख्य वित्तीय सलाहकार व साइकिल खरीद कमेटी के सदस्य संजय धवन ने बताया, एक साइकिल 3857 रु. की है। यनी 758791 साइकिलों की कीमत 300 करोड़ रुपए है।
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