श्रीनगर। Jammu Kashmir Election 2024: कश्मीर की बारामूला संसदीय सीट से सांसद इंजीनियर रशीद (Engineer Rashid interim bail) को अंतरिम जमानत मिल गई है। रशीद आतंकी फंडिग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसे दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 2 अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी है।

दिल्ली में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने रशीद को राहत दी। रशीद (Engineer Rashid bail) ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। जज ने कहा कि मैं 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दे रहा हूं। 3 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करना होगा। अदालत ने रशीद को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी।

रशीद को क्यों मिली जमानत ?


इंजीनियर रशीद ने पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत के लिए विशेष आवेदन दिया था। उसने तर्क दिया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को देखते हुए अपनी अवामी इतिहाद पार्टी (एआईपी) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर सकें इसके लिए उसे जमानत दी जाए। जिसके बाद अदालत ने उसे 2 अक्टूबर तक के लिए जमानत दी। हालांकि, 3 तारीख को उसे सरेंडर करना होगा।

क्यों हुई थी रशीद को जेल ?
तिहाड़ जेल में बंद रशीद शेख उर्फ इंजीनियर रशीद (Who is Engineer Rashid) को साल 2019 में एनआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उस पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज है और वह पिछले पांच साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर में आतंकी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। रशीद ने 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाले आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। राशिद ने इस साल की शुरुआत में बारामुल्ला लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया था। उन्होंने 2008 और 2014 के जम्मू-कश्मीर चुनावों में लंगेट विधानसभा क्षेत्र जीता था। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में असफलता हासिल की थी। राशिद अवामी इत्तेहाद पार्टी का नेतृत्व करते हैं, लेकिन उन्होंने ये चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ा था। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को राशिद की पार्टी एआईपी पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा की “प्रॉक्सी” कहा। “मैं जानना चाहती हूं कि राशिद जेल में है। (पीडीपी संस्थापक) मुफ्ती (मोहम्मद सईद) को पार्टी बनाने में 50 साल लग गए, हमारे पास अभी भी हर जगह उम्मीदवार खड़े करने के लिए संसाधन नहीं हैं। उनके (इंजीनियर) संगठन के पीछे कौन है, जिसके उम्मीदवार हर जगह खड़े हैं, फंडिंग कहां से आ रही है? उन्हें गुंडागर्दी करने की इतनी हिम्मत कहां से मिल रही है?” पीटीआई ने मुफ्ती के हवाले से कहा कि शोपियां विधानसभा क्षेत्र से पीडीपी उम्मीदवार यावर शफी बांडे एआईपी के कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हो गए।

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