सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने मामले में सुनवाई की.
बेंच ने स्पष्ट किया कि ये आदेश सिर्फ आरोपियों की निजी संपत्ति पर एक्शन लिए जाने के खिलाफ है. यानी कोई मामला ऐसा है जो सरकारी जमीन पर कब्जा करने से जुड़ा है और निर्माण अवैध है.
सरकारी नोटिस के बाद भी सार्वजनिक जगह खाली नहीं की जा रही है तो सरकार उस पर एक्शन ले सकती है.