छत्तीसगढ़ में पहली बार लोगों के किचन तक पाइपलाइन के जरिए कुकिंग गैस की सप्लाई होगी। साथ में एक मीटर लगा होगा, जितनी गैस उपयोग होगी उतने का पैसा देना होगा। यह गैस एलपीजी से सस्ती होगी। रायपुर में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत होने जा रही है।
शुक्रवार को रायपुर नगर निगम के कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने इसे लेकर एक बैठक की। इसमें भारत सरकार के उपक्रम गेल इंडिया लिमिटेड और पाइपलाइन बिछाने के लिए अधिकृत हरियाणा गैस एजेंसी के अधिकारी शामिल हुए।
अब इस प्रोजेक्ट को फाइल से निकालकर जमीन पर लाने की पूरी तैयारी है। इस प्रोजेक्ट को रायपुर में 2025 में शुरू कर दिया जाएगा और आने वाले कुछ ही महीनों में लोगों को घरों में इस गैस का कनेक्शन भी मिलेगा।
योजना के मुख्य बिंदु:
पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति
पहली बार छत्तीसगढ़ में पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से रसोई तक कुकिंग गैस की आपूर्ति की जाएगी। यह व्यवस्था एलपीजी सिलेंडरों की जगह लेगी, जिससे लोगों को बार-बार सिलेंडर बदलने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
सीएनजी कनेक्शन:
योजना के पहले चरण में 1 लाख घरों को सीएनजी कनेक्शन दिया जाएगा। धीरे-धीरे इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी विस्तारित किया जाएगा।
योजना की शुरुआत:
यह महत्वाकांक्षी योजना 2025 से लागू की जाएगी। इसकी तैयारी के लिए बुनियादी ढांचे का काम शुरू कर दिया गया है।
बैठक में शामिल अधिकारी:
योजना को लेकर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
भारत सरकार के उपक्रम इंडिया लिमिटेड के अधिकारी।
पाइपलाइन बिछाने के लिए अधिकृत हरियाणा गैस एजेंसी के प्रतिनिधि।
पाइपलाइन गैस की विशेषताएं:
सुविधाजनक:
पाइपलाइन से सीधे रसोई में गैस पहुंचने से सिलेंडर की डिलीवरी और बदलने की झंझट खत्म होगी।
सुरक्षित:
पाइपलाइन गैस को आधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों के तहत आपूर्ति किया जाएगा।
किफायती:
सिलेंडर के मुकाबले पाइपलाइन गैस सस्ती और निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
पर्यावरण अनुकूल:
सीएनजी गैस स्वच्छ और पर्यावरण के लिए अनुकूल है, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
सरकार का उद्देश्य:
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा संसाधनों को आधुनिक बनाना।
पर्यावरण संरक्षण के साथ नागरिकों को सुविधाजनक और किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराना।
प्रदेश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना।