HIGHLIGHTS FIRST
- डेट्रॉयट जिस तरह 20वीं सदी में ऑटोमोबाइल क्रांति का केंद्र बना था, उसी तरह 21वीं सदी में मध्यप्रदेश ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भारत का फ्यूचर हब बनकर उभर रहा है। भारत में औद्योगिक भविष्य की रूपरेखा अब मध्यप्रदेश से तय हो रही है।
- मप्र के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य न केवल आदर्श निवेश स्थल बन कर उभर रहा है बल्कि ऑटोमोबाइल और ईवी इंडस्ट्री के एडवांस इरा की नई परिभाषा लिख रहा है। 24-25 फरवरी को भोपाल में होने वाला ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस बदलाव का एक ऐतिहासिक मंच बनेगा, जहां दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल और ईवी कंपनियां मध्यप्रदेश के औद्योगिक भविष्य को आकार देने के लिए आगे आएंगी। जीआईएस सिर्फ निवेश आकर्षित करने का अवसर नहीं, बल्कि भारत में ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी और ई-मोबिलिटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मंच है। मध्यप्रदेश में पहले से 30 से अधिक ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफेक्चरर्स, 200 से ज्यादा ऑटो कंपोनेंट निर्माता और 1 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं।
- देश में बसों और ट्रैक्टरों का दूसरा सबसे बड़ा और कामर्शियल वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, राज्य अब सिर्फ उत्पादक केंद्र नहीं, बल्कि एक इनोवेशन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत को एक वैश्विक ऑटोमोबाइल रिसर्च और टेस्टिंग सेंटर बनाने के विजन के तहत मध्यप्रदेश इसकी स्पीड लैब बनने की ओर अग्रसर है। एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड परीक्षण ट्रैक, 14 टेस्ट ट्रैक और 5 ऑटो-विशिष्ट प्रयोगशालाओं के साथ राज्य दुनिया के अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माताओं के लिए एक वैश्विक परीक्षण केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सिर्फ पारंपरिक ऑटोमोबाइल उद्योग को नहीं, बल्कि ईवी और क्लीन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी को भी वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दे रहा है। सरकार विशेष वित्तीय प्रोत्साहन, कर लाभ, तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया और ईवी स्टार्ट-अप्स के लिए अनुकूल इको सिस्टम तैयार कर रही है।
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