पब्लिक फर्स्ट। उज्जैन। अमृत बैंडवाल ।
30 मार्च को हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर पर ब्रह्म ध्वज फहराया जाएगा। इस बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से प्रदान किए गए सूर्य चिन्ह वाले केसरिया ध्वज को मंदिर के शिखर पर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रमुख मंदिरों और संस्थानों में भी ब्रह्म ध्वज लगाने की योजना बनाई गई है।
गुड़ी पड़वा के दिन श्री महाकालेश्वर मंदिर में ध्वज परिवर्तन समारोह आयोजित किया जाएगा। हाल ही में भोपाल में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद ने ब्रह्म ध्वज और विक्रम संवत की पुस्तिका का लोकार्पण किया। सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ की ओर से प्रमुख संस्थानों को ब्रह्म ध्वज प्रदान किया जाएगा।
शोधपीठ के निदेशक श्री राम तिवारी ने कहा कि विक्रम संवत ज्ञान, संस्कृति, और अनुसंधान का महापर्व है। इस उपलक्ष्य में ब्रह्म ध्वज सभी स्थानों पर फहराया जाएगा, जहां लोग अपनी स्वप्रेरणा से इसे स्थापित करना चाहें। उल्लेखनीय है कि पहले से स्थापित ध्वज को 65 वर्षों तक पं. सूर्यनारायण व्यास परिवार ने सुरक्षित रखा था, और उसी प्रेरणा से नया ब्रह्म ध्वज बनाया गया है।
इसके अलावा, बाबा महाकाल का अभिषेक नीम मिश्रित जल से किया जाएगा, जो कि महाराष्ट्रीयन पंचांग के अनुसार सभी पर्वों और त्योहारों को मनाने की परंपरा का हिस्सा है।