1. आस्था की लहर: शनिचरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं का सैलाब
  2. नवरात्रि प्रारंभ: मध्यप्रदेश के घाटों पर उमड़ी भीड़
  3. डुबकी लगाने का उत्सव: शनिचरी अमावस्या का विशेष महत्व
  4. शक्ति की आराधना: भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी
  5. अंधेरी रात में उजाला: श्रद्धालुओं की श्रद्धा और विश्वास
  6. उज्जैन की त्रिवेणी घाट: श्रद्धालुओं की आस्था का अनोखा केंद्र
  7. शनि महाराज का भव्य श्रृंगार: उज्जैन में श्रद्धा और आस्था का संगम
  8. धार्मिक यात्रा का अनूठा अनुभव: शनि पूजा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
  9. उज्जैन में त्रिवेणी घाट पर लगा आस्था का मेला: स्नान से शुरू हुआ आशीर्वाद का सफर
  10. सप्तऋषियों की नगरी में भक्ति का जादू: शनि देव और नवग्रह की पूजा का विशेष आयोजन

जैसे ही नववर्ष के नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, शनिश्चरी अमावस्या का पर्व भी अपनी पूरी भव्यता के साथ दस्तक दे चुका है। मध्यप्रदेश के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की अद्भुत भीड़ देखने को मिल रही है। रात भर से ही भक्तगण धर्म की गंगा में डुबकी लगाने के लिए अपने कदम बढ़ा रहे हैं। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम, श्रद्धा और समर्पण का भी अवसर है।

शुक्रवार रात 12 बजे से ही उज्जैन के त्रिवेणी घाट पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या आस्था की डुबकी लगाने के लिए इकट्ठा होने लगी। इस मौके पर शनि महाराज का मनमोहक श्रृंगार किया गया है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

स्नान के बाद, श्रद्धालु शनि देव और नवग्रह की पूजा अर्चना कर रहे हैं, जिससे माहौल भक्ति और श्रद्धा से ओत-प्रोत है। त्रिवेणी घाट पर यह परंपरा हर वर्ष बहुत धूमधाम से मनाई जाती है, जिसमें दूर-दूर से आए भक्त हिस्सा लेते हैं।

इस विशेष अवसर पर घाट पर विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस स्नान से उनके पाप धुल जाते हैं और उन्हें शांति एवं समृद्धि प्राप्त होती है।

गौरतलब है कि उज्जैन, जो कि शिव की नगरी के नाम से भी जानी जाती है, का यह स्थल धार्मिक महत्व को समेटे हुए है और यहां हर साल कई धार्मिक उत्सव मनाए जाते हैं।

आध्यात्मिक वातावरण में डुबकी का महत्व:
शनिचरी अमावस्या पर स्नान करने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन की गई पुण्य की क्रियाएँ और श्रद्धा से भरे स्नान से व्यक्ति के जीवन में आशीर्वाद और समृद्धि की वर्षा होती है। लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इस अवसर का लाभ उठाते हैं, और अपनी आस्था को और भी मजबूत करते हैं।

मध्यप्रदेश के घाटों का आकर्षण:
राज्य के हर कोने से श्रद्धालु अपनी आशाओं और आकांक्षाओं के साथ घाटों की ओर चल पड़े हैं। अमावस्या की रात का चाँद अपनी चमक बिखेरते हुए घाटों का सुंदर नजारा बना रहा है। इसकी रौशनी में श्रद्धालु एक-दूसरे का हाथ थामे उत्सव का आनंद उठाते है और एक साथ मनोकामना करते हैं।

नवरात्रि का भाग्य:
इस विशेष अवसर पर नवरात्रि की शुरुआत भी हो रही है, जो देवी उपासना का प्रमुख समय होता है। भक्तगण देवी मां की पूजा अर्चना कर, अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं। इस अद्भुत संयोग के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ और भी बढ़ जाती है, जिससे वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है।

publicfirstnews.com

Share.
Leave A Reply