उज्जैन। सावन माह की शुरुआत के साथ ही धर्मनगरी उज्जैन भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंग गई। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में जल अर्पित करने के लिए सैकड़ों कावड़ यात्री शहर पहुंचे। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं कंधे पर कावड़ रखकर कावड़ यात्रा में शामिल हुए और जय शिव शंकर के जयकारों के बीच पैदल चले।

आम श्रद्धालु की तरह निभाई आस्था

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिप्रा नदी के त्रिवेणी शनि मंदिर क्षेत्र से कावड़ यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा में वे आम श्रद्धालुओं के साथ कंधे पर कावड़ रखकर शामिल हुए और ‘बोल बम’ के जयघोष के साथ यात्रा में कदम से कदम मिलाते नजर आए।
यह विशेष कावड़ यात्रा महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी के मार्गदर्शन में आयोजित की जा रही है। यह वही यात्रा है जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 वर्ष पहले की थी। तब से हर वर्ष यह कावड़ यात्रा आयोजित होती आ रही है, जिसे ‘समर्पण कावड़ यात्रा’ नाम दिया गया है।

शहर भर में हुआ कावड़ियों का स्वागत

कावड़ यात्रा त्रिवेणी क्षेत्र से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए महाकाल मंदिर पहुंचेगी। रास्ते में पुष्प वर्षा और जलपान के जरिए श्रद्धालुओं का स्वागत किया जा रहा है। उज्जैन में जगह-जगह सेवा शिविर, भंडारे और स्वागत द्वार भी बनाए गए हैं।
इस यात्रा की विशेषता यह है कि इसमें ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालु तालाब, बावड़ी और कुओं से जल भरकर कावड़ के माध्यम से बाबा महाकाल को अर्पित करने आते हैं।

PUBLICFIRSTNEWS.COM

Share.

Comments are closed.