मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में दो दिवसीय कलेक्टर- कमिश्नर कॉन्फ्रेंस 2025 का शुभारंभ करते हुए प्रशासन को एक सख्त और प्रेरणादायक संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, इसे हर हाल में बनाए रखना होगा। जवाबदेही ही शासन की पहचान होनी चाहिए।”
सीएम का सख्त तेवर:
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की जा चुकी है, अब लोकसेवकों की जिम्मेदारी है कि प्रतिभा, लगन और समर्पण के साथ योजनाओं का अधिकतम लाभ जनता तक पहुंचाएं।
उन्होंने साफ कहा —
“हमारे शासन का अंतिम उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। जनता में यह विश्वास पैदा करना ही सुशासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है।”
मिशन मोड में काम का आह्वान:
मुख्यमंत्री ने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए मिशन मोड में जुटें।
“देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर चलना ही हमारा धर्म है,” — मुख्यमंत्री ने जोड़ा।
सुधार और नवाचार पर फोकस:
डॉ. यादव ने स्पष्ट कहा कि जिलों में तैनात अधिकारी केवल फाइलों में नहीं, बल्कि अपने नवाचार, निर्णय क्षमता और जनता से जुड़ाव के लिए पहचाने जाएं।
“अधिकारियों को अपने काम से पहचान बनानी होगी, संवाद से दूरी नहीं, आत्मीयता जरूरी है।”
प्रशासनिक पारदर्शिता पर बड़ा बयान:
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य यह मंथन करना है कि शासन को कैसे और सहज, सरल, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत बनाया जाए ताकि योजनाओं का लाभ तेजी और सटीकता से जनता तक पहुंचे।
विनम्र विद्यार्थी बनकर सीखें:
डॉ. यादव ने लोकसेवकों से कहा —
“यदि परमात्मा ने हमें समाज के लिए कार्य का अवसर दिया है, तो हमें विनम्र विद्यार्थी की तरह हर दिन कुछ नया सीखते हुए समाज को उसका अधिकतम लाभ देना चाहिए।”
प्रशासनिक शक्ति का संगम:
इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला, सहित सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत उपस्थित रहे।
पूरा सभागार एक लक्ष्य पर केंद्रित रहा — जनता का विश्वास, पारदर्शी प्रशासन और समग्र विकास।
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