पब्लिक फर्स्ट।नई दिल्ली

मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राहुल को गुजरात की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके चलते राहुल की सांसदी चली गई थी।

बाद में राहुल ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली। 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में दो साल की सजा बरकरार रखी। आखिर में 15 जुलाई को राहुल ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली।

सुप्रीम कोर्ट में दो बार हो चुकी सुनवाई…

21 जुलाई : 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने 21 जुलाई को इस मामले पर पहली सुनवाई की। सुनवाई शुरू करने से पहले जस्टिस गवई ने कहा कि उनके पिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे और भाई भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनके सुनवाई करने से किसी पक्ष को कोई आपत्ति तो नहीं है। इस पर दोनों पक्षों ने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है।

राहुल के वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि राहुल गांधी एक संसद सत्र में शामिल नहीं हो पाए और मानसून सत्र भी निकला जा रहा है। वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए जल्द ही उपचुनाव भी घोषित किए जा सकते हैं। ऐसे में मामले में जल्द सुनवाई की जानी चाहिए।

सिंघवी ने राहुल के लिए अंतरिम राहत की मांग भी की। इस पर कोर्ट ने कहा कि वे दूसरे पक्ष को सुने बिना अंतरिम राहत नहीं दे सकते।

2 अगस्त : 2 अगस्त को इस केस में सुप्रीम कोर्ट में दोबारा सुनवाई हुई थी। पहली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों से अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में 21 पेज का हलफनामा दायर करते हुए कहा कि मोदी सरनेम केस में राहुल का रवैया अहंकारी है। उनकी याचिका खारिज कर देनी चाहिए।

राहुल ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया था कि कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग हुआ है। माफी मांगने से मना करने पर मुझे अहंकारी कहा गया, ये निंदनीय है।

publicfirstnews.com

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