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भारत बोला- ऐसे लोगों से बहस का मतलब नहीं, ये हर बार भटकाते हैं… अपने मसले देखो
भारत ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को हिदायत दी है। भारत ने कहा है कि बार-बार कश्मीर राग अलापने की जगह पाकिस्तान को अपने देश पर ध्यान देना चाहिए। दरअसल, UNSC में शुक्रवार को एक मीटिंग के दौरान पाकिस्तान ने फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया।
इस पर UN मिशन में मौजूद भारत के काउंसलर आर मधुसूदन ने कहा कि इस परिषद के समय का सही इस्तेमाल तभी हो पाएगा जब दूसरे देशों के डेलिगेशन मेरे देश पर आरोप लगाने की बजाय अपने मुल्क के मसलों पर ध्यान दें। एक डेलिगेशन ने फिर से इस फोरम का इस्तेमाल फूड सिक्योरिटी जैसे जरूरी मुद्दे से भटकाने के लिए किया है। वे बार-बार अपने एजेंडा के लिए UN काउंसिल का ध्यान भटकाने की कोशिश करते रहते हैं।
भारत पर इल्जाम लगाना बंद करे पाकिस्तान
भारत की एकता और अखंडता पर जोर देते हुए मधुसूदन ने कहा- ऐसे लोगों से बहस करने का कोई मतलब नहीं है, जो अपने गलत मकसद को पूरा करने के लिए आतंक का सहारा लेते हैं। पाकिस्तान को भारत पर इल्जाम लगाने की जगह अपने देश की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था और हमेशा बना रहेगा।
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर की पूर्व CM महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें अन्य पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने पुलिस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को अवैध तरीके से हिरासत में लेने की बात कही।
भारत ने UNSC में कहा था- पाकिस्तान कट्टरता में डूबा, उसकी सोच से फर्क नहीं पड़ता
इससे पहले जुलाई में भी भारत ने UNSC में पाकिस्तान को लताड़ा था। ब्रिटेन में हुई UNSC की एक बैठक में पाकिस्तान ने फिर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। इस पर UN में भारत के मिशन काउंसलर आशीष शर्मा ने कहा था- लद्दाख और जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे। इस पर पाकिस्तान क्या सोचता या चाहता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
आशीष शर्मा ने कहा था- UNSC में एक डेलिगेशन ने मेरे देश के खिलाफ जहर उगला है, जो राजनीति से प्रेरित है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जो लोग खुद कट्टरता में डूबे हुए हैं वो भारत के समाज और यहां रह रहे अलग-अलग समुदाय के लोगों की एकता को नहीं समझ सकते। हम इस तरह के बयान की कड़ी निंदा करते हैं।
भारत से बातचीत को तैयार पाक PM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कुछ दिन पहले कहा था कि वो भारत से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। शरीफ ने कहा था- हम अपने उस पड़ोसी से भी बातचीत करना चाहते हैं, जिसके साथ हमने तीन जंग लड़ीं। जरूरी ये है कि गंभीर मुद्दों पर सामने वाला भी उतनी ही गंभीरता से बातचीत करे। शाहबाज ने कहा था- जंग से किसी मसले का हल नहीं निकल सकता। दोनों मुल्क एटमी ताकत हैं।
अगर ऐसी कोई जंग हुई तो ये बताने के लिए कोई नहीं बचेगा कि आखिर हुआ क्या था। हम अपने हर पड़ोसी के साथ चर्चा करने चाहते हैं। पाकिस्तान कभी किसी के खिलाफ किसी गलत चीज या साजिश को बढ़ावा नहीं देता है।
मार्च में भारत से बात करने को कहा, फिर आर्टिकल 370 पर पलटे
इससे पहले मार्च में शाहबाज ने भारत से बातचीत की गुहार लगाई थी और सिर्फ दो दिन बाद आर्टिकल 370 का बहाना लेकर पलट भी गए थे। शाहबाज ने अल अरेबिया को दिए इंटरव्यू में कहा था- भारतीय लीडरशिप और प्रधानमंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए एक टेबल पर बैठते हैं और कश्मीर समेत तमाम मसलों पर बात करते हैं।
PM शाहबाज के इस बयान का काफी विरोध हुआ था। इसके बाद PM ऑफिस ने सफाई जारी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री की बात को गलत तरीके से लिया गया। उन्होंने कहा है कि भारत से बातचीत तभी हो सकती है जब वो कश्मीर में 5 अगस्त 2019 का स्टेटस बहाल करे। आर्टिकल 370 और धारा 35A को बहाल करना होगा।
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