पब्लिक फर्स्ट। हिरोशिमा।
जापान में 78 साल पहले आज ही के दिन अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा- रूस लगातार यूक्रेन में परमाणु हमले की धमकी दे रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम दुनिया में इकलौता ऐसा देश हैं, जिसने पर परमाणु हमले की मार झेली है। हम दुनिया को परमाणु मुक्त बनाने के लिए काम करते रहेंगे।
PM ने कहा- हिरोशिमा और नागासाकी में जो हुआ उसे दोहराया नहीं जा सकता है। परमाणु हमले की सालगिरह पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। इसमें हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन, सुरक्षित बचे नागरिकों के अलावा, करीब 111 देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। हालांकि, इसमें रूस और बेलारूस को न्योता नहीं दिया गया। समारोह में सभी लोग काले कपड़े पहने नजर आए।
जापान में रखा गया 1 मिनट का मौन, 111 देश के प्रतिनिधि मौजूद रहे
1945 में हिरोशिमा में सवा 8 बजे बम गिराया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए रविवार को सुबह करीब 8:15 बजे ही सब लोगों ने 1 मिनट का मौन रखा। परमाणु हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की कामना भी की गई। समारोह में 50 हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहे।
PM किशिदा ने कहा- दुनिया को परमाणु मुक्त देश बनाने का रास्ता और कठिन होता जा रहा है। इसकी वजह इंटरनेशनल कम्यूनिटी में बढ़ाता तनाव है।
जंग के इस समय में पूरी दुनिया को परमाणु मुक्त बनाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने भी हिरोशिमा पर हमले की सालगिरह पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा- कुछ देश लगातार परमाणु हमले की धमकियां दे रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस समस्या का सामना करने के लिए पूरी दुनिया को एक होना होगा।
G7 समिट में भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को बंद करवाने पर फोकस
किशिदा ने इस साल मई में हिरोशिमा में G7 समिट को होस्ट किया था। इस दौरान उन्होंने सदस्यीय देशों के नेताओं को हिरोशिमा के शांति पार्क, स्मारक और संग्रहालयों का दौरा कराया था। किशिदा का लक्ष्य G7 देशों में न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल को बंद करवाने का एजेंडा आगे बढ़ाना था।
100 मेडिकल जर्नल्स में परमाणु तबाही की चेतावनी
इससे पहले अगस्त की शुरुआत में दुनियाभर की करीब 100 मेडिकल जर्नल्स में परमाणु हथियारों को लेकर चेतावनी दी गई थी। जर्नल्स में इन हथियारों को तुरंत खत्म करने की बात पर जोर दिया गया था और कहा गया था कि दुनिया में परमाणु तबाही का डर बढ़ता जा रहा है।
6-9 अगस्त को हिरोशिमा और नागासाकी पर हुआ था परमाणु हमला
6 अगस्त 1945 को 8 बजकर 15 मिनट पर अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर एलोना गे विमान से परमाणु बम गिराया था। 43 सेकेंड हवा में रहने के बाद ये फट गया था। इसके तुरंत बाद एक बड़ा आग का गोला उठा था और आसपास का तापमान 3000 से 4000 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। स्फोट से इतनी तेज हवा चली कि 10 सेकेंड में ही ये ब्लास्ट पूरे हिरोशिमा में फैल गया था। धमाके के चंद मिनट के अंदर ही 70 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
इस हमले के 3 दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी पर भी परमाणु बम गिराया था। इस बम को फैट मैन नाम दिया गया था। वहीं हिरोशिमा पर गिरे बम का नाम लिटिल बॉय था। 4500 किलो वजनी फैट मैन 6.5 किलो प्लूटोनियम से भरा हुआ था। नागासाकी में बम करीब 11:02 बजे फटा था। इस हमले में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। न्यूक्लियर हमले के बाद जापान ने समर्पण कर दिया था और दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया था।