भोपाल में हाल ही में एक स्कूल बस के हादसे में एक डॉक्टर युवती की दर्दनाक मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने की घटना ने पूरे प्रदेश में स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी पृष्ठभूमि में उज्जैन आरटीओ और यातायात विभाग ने मिलकर शहर में चलने वाले स्कूल वाहनों की जांच का अभियान शुरू किया है।

स्कूल बंदी का लिया गया फायदा, की गई गहन जांच

आरटीओ और ट्रैफिक विभाग की संयुक्त टीम ने स्कूलों की छुट्टियों का लाभ उठाते हुए विभिन्न स्कूल परिसरों में खड़ी बसों की गहन जांच की। इस दौरान बसों का फिटनेस टेस्ट, ड्राइवरों की मेडिकल जांच, ड्राइविंग लाइसेंस, तथा वाहनों में इमरजेंसी गेट, आपातकालीन बटन और फर्स्ट एड किट की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

पहले दिन छह स्कूलों की जांच

यातायात डीएसपी दिलीप परिहार ने जानकारी दी कि पहले दिन निर्मला कॉन्वेंट, ज्ञान सागर, पोद्दार स्कूल, क्रिस्ट ज्योति, ऑक्सफोर्ड और आईबीएस स्कूल में जांच की गई। अधिकतर बसों के दस्तावेज और उपकरण मानकों के अनुरूप पाए गए, हालांकि एक बस में पीयूसी (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र नहीं मिला।

ग्रामीण स्कूल भी आएंगे जांच के दायरे में

यह अभियान केवल शहरी क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। शहर के सभी स्कूलों की जांच पूरी होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में भी इस तरह की पड़ताल की जाएगी, ताकि बच्चों की सुरक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जा सके।

प्रशासन का उद्देश्य – बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि

अधिकारियों का कहना है कि इस जांच का मूल उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्कूल वाहन पूरी तरह सुरक्षित, मानकों के अनुरूप और तकनीकी दृष्टि से फिट हों, ताकि भविष्य में कोई दुखद हादसा न हो।

PUBLICFIRSTNEWS.COM

Share.

Comments are closed.