राजधानी लखनऊ से लेकर मेरठ, सहारनपुर, आज़मगढ़, वाराणसी, अलीगढ़, कानपुर और नोएडा तक कई जिलों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस टीमें बस्तियों में जाकर—
- पहचान पत्र
- किरायानामा
- आधार व राशन कार्ड
- वर्क परमिट या अन्य सरकारी दस्तावेज
की वैधता की जांच कर रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि कई स्थानों पर लोगों ने बिना किसी दस्तावेज़ के अस्थायी झोपड़ियाँ डालकर निवास बना रखा था। ऐसे सभी स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है। अभियान में शामिल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिन व्यक्तियों के भारत में रहने या काम करने के वैध दस्तावेज़ नहीं हैं, उन्हें श्रेणीबद्ध कर कार्रवाई की जाएगी।
अवैध रूप से रह रहे लोगों के बारे में पुलिस का कहना है.
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि अवैध घुसपैठियों को शरण देने, छिपाने या आर्थिक सहायता करने वालों पर भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ स्थानों पर पुलिस ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने पर मकान मालिकों पर भी FIR दर्ज की जा सकती है।
खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के अनुसार कुछ अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या मजदूरों के रूप में अलग-अलग शहरों में रह रहे थे।
संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी के बाद इन बस्तियों में ड्रोन सर्वे, फील्ड वेरिफिकेशन, पुलिस–प्रशासन की संयुक्त रेड किए जा रहे हैं।
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