जम्मू-कश्मीर में देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के पूरे इको-सिस्टम को निशाने पर लेते हुए 150 से अधिक ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ है जो सीधे हथियार नहीं उठाते, लेकिन आतंकियों के लिए ज़मीन तैयार करते हैं।

कौन होते हैं ओवर ग्राउंड वर्कर्स?

ओवर ग्राउंड वर्कर्स वे लोग होते हैं जो देखने में आम नागरिक लगते हैं, लेकिन पर्दे के पीछे आतंकी संगठनों की रीढ़ बने होते हैं। ये लोग आतंकियों को

  • सुरक्षित ठिकाने
  • खाने-पीने की व्यवस्था
  • गोपनीय सूचनाएँ
  • पैसों की सप्लाई
  • और एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने के रास्ते

जैसी अहम मदद प्रदान करते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आतंकवाद की कोई भी बड़ी साजिश इन नेटवर्क्स के बिना संभव नहीं होती।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों की इस संयुक्त कार्रवाई को आतंकवाद की “नर्सरी” को उखाड़ने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। लंबे समय से यह आरोप लगता रहा है कि पाकिस्तान-प्रेरित आतंकवाद को जम्मू-कश्मीर में स्थानीय समर्थन देने वाला एक स्लीपर सेल नेटवर्क सक्रिय है, जो समय-समय पर आतंकियों की मदद करता रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि हिरासत में लिए गए कई लोगों से पूछताछ में आतंकी संगठनों के संपर्क, फंडिंग चैनल और लॉजिस्टिक सपोर्ट से जुड़े अहम सुराग मिले हैं।

इस कार्रवाई को यह संदेश माना जा रहा है कि अब केवल सीमा पार से आने वाले आतंकियों पर ही नहीं, बल्कि देश के भीतर बैठकर उन्हें मदद देने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब केवल बंदूकधारियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उनके पूरे सपोर्ट सिस्टम को खत्म करने पर फोकस होगा।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह कार्रवाई आतंकवाद के उस अदृश्य नेटवर्क के अंत की शुरुआत है, जो सालों से कश्मीर में अशांति को हवा देता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ओवर ग्राउंड वर्कर्स और स्लीपर सेल नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया, तो आतंकियों की गतिविधियाँ स्वतः ही कमजोर पड़ जाएँगी।

सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियाँ संभव हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ डिजिटल ट्रेल, फाइनेंशियल लेन-देन और स्थानीय नेटवर्क की गहन जांच कर रही हैं, ताकि आतंक के पूरे ढांचे को जड़ से खत्म किया जा सके।

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