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अमेरिकी नौसेना ने एक यात्री विमान को गिरा दिया थ। इसमें 290 लोगों की मौत हो गई थ। इसे नौसेना ने बाद में एक गलती करार दिया। आज भी इस घटना को बार बार याद किया जाता ।

विमान हादसों के एक लंबे इतिहास से पूरी दुनिया वाकिफ ह। तमाम हादसों के बावजूद इन पर लगाम नहीं लगी ह। कभी कारण टेक्निकल होता है, तो कभी खराब मौसम। लेकिन आज हम एक ऐसे विमान हादसे के बारे में बात करने वाले हैं, जिसके पीछे एक देश की सेना का हाथ थ। यात्रियों से भरे इस विमान में 290 लोगों की मौत हुई थ। घटना आज ही के दिन यानी 3 जुलाई को साल 1988 में हुई थ। अमेरिकी नौसेना की वॉरशिप ने ईरान का यात्री विमान गिरा दिया थ। ईरान आज भी बार बार इस घटना को याद करता ह।

जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने कहा था कि अगर ईरान अपने टॉप जनरल कासिम सुलेमानी की मौत को लेकर जवाबी कार्रवाई की बात करेगा, तो ईरान में 52 जगहों को निशाना बनाया जाएग। ईरान का आरोप है कि अमेरिका ने ही सुलेमानी को मारा है।

ईरान की फ्लाइट संख्या 655, एयरबस A300 पर 290 लोग सवार थ। इसे अमेरिकी नौसेना ने जमीन पर गाइडेड मिसाइस क्रूजर USS Vincennes से मिसाइल दागकर मार गिराया थ। उस वक्त विमान फारस की खाड़ी यानी पर्शियन गल्फ के ऊपर ऊपर उड़ान भर रहा थ। ये ईरान से दुबई की तरफ जा रहा थ।

publicfirstnews.com

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