बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद छत्तीसगढ़ में फिर से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग उठी है।  कैबिनेट से मंजूरी और विधानसभा से विधेयक पास होने के बाद भी यह कानून अब तक राजभवन में ही अटका हुआ है। इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज गरियाबंद जिले में ऐलान करते हुए कहा कि पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून को जल्द लागू किया जाएगा। जिस तरह बीजापुर मामले में हमने त्वरित कार्यवाही किया है, उसे पूरा देश देखा है, सरकार पत्रकारों के साथ है। हालांकि पत्रकारों के समयावधि के सवाल पर सीएम साय ने पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द लागू कराने का भरोसा दिलाया है। सीएम विष्णुदेव साय ने इस नृशंस हत्याकांड की कड़ी निंदा की। साथ ही उन्होंने कहा कि पत्रकार की हत्या के मामले में शामिल किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 11 सदस्यों की SIT का गठन किया है। फिलहाल, फारेंसिक टीम इस मामले की साइंटिफिक और टेक्निकल एविडेंस के आधार पर मामले की जांच कर रही है। इस मामले ने पुलिस ने अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने उनके द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। गठित हुई SIT को मामले की गहन जांच करने और कार्यवाही से जुड़े पुलिस अधीक्षक बीजापुर को हर रोज प्रोग्रेस रिपोर्ट अनिवारूप से बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय को सामने पेश करने का निर्देश दिया गया हैं।

इस मामले की जांच को लेकर सीएम साय ने पुलिस को इस प्रकार की घटना की दोबारा न हो, इसके लिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिया है। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस दौरान सीएम साय ने पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि पत्रकारों की स्वतंत्रता और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी राज्य सरकार का दायित्व है।

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