उन्नाव जिले के अचलगंज निवासी सुभाष चंद्र ने अपने पैतृक मकान पर जबरन कब्ज़ा किए जाने के मामले में प्रशासनिक चुप्पी और कार्रवाई की कमी से क्षुब्ध होकर जिलाधिकारी (DM) से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है कि कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद अब तक न तो कोई जांच हुई है और न ही ठोस कदम उठाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
सुभाष चंद्र का कहना है कि उनके पड़ोसी अरुण, धर्मेंद्र और राजकुमार कुछ अन्य अज्ञात साथियों के साथ मिलकर उनके पैतृक मकान पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। सुभाष के अनुसार:
- मकान का बिजली का बिल उनके नाम से है।
- 1982 से उनके परिवार का उस पर वैध कब्ज़ा है।
- वे स्वयं कुछ दूरी पर अपने दूसरे मकान में रहते हैं।
पीड़ित ने इस मामले की शिकायत एसडीएम कार्यालय और डायल 112 पर भी की थी, जिसके बाद दोनों पक्षों का शांति भंग में चालान कर दिया गया, लेकिन मकान कब्ज़ा हटवाने या कानूनी कार्यवाही के संबंध में अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
डीएम कार्यालय में सुनवाई की मांग
आहत होकर सुभाष चंद्र ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन अब भी मौन रहता है, तो उन्हें न्याय पाने के लिए आगे जन आंदोलन या कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा।
पीड़ित की अपील
“यह मकान मेरे पूर्वजों का है, और हम वर्षों से यहां रह रहे हैं। अब कुछ लोग गलत तरीके से इसे हड़पना चाहते हैं। कृपया मेरी बात सुनी जाए और न्याय दिया जाए।” – सुभाष चंद्र
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