मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास की गौशाला में पूजा कर गोवर्धन पर्व का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुरातन परंपराओं से लोगों को जोड़ने और गौ संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन परिसर में गोवर्धन पूजा के अवसर पर आयोजित गोवर्धन पर्व का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने शनिवार को रविन्द्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह में गोधर्वन पूजन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश की देश में वर्तमान हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है, इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के 11 हजार गांवों में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध का उत्पादन बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में प्रदेश के सभी 51 हजार गांवों में दुग्ध सहकारी समितियां बनाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 11 हजार गांवों में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध का उत्पादन बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में प्रदेश के सभी 51 हजार गांवों में दुग्ध सहकारी समितियां बनाई जाएगी। गुजरात में अमूल डेयरी दुग्ध उत्पादकों को बोनस देती है, उसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जाएगा। गाय के बिना मानवता की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए 10 से अधिक गायों को पालने पर सरकार अनुदान देगी। गोवंश देश व प्रदेश की जनता की आर्थिक सशक्तिकरण का प्रमुख माध्यम है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है। किसानों और गौपालकों की आजीविका को बढ़ाने के लिए नेशनल डेयरी फेडरेशन के साथ एक समझौता (एमओयू) किया है। इस एमओयू के जरिए प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देकर दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। किसानों व गौपालकों की आजीविका को बढ़ाने के लिए गोवंश के उत्पादों को प्रदर्शनी लगाकर बेचने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है।
गौ-वध के दोषी को मिलेगी 7 वर्ष का सख्त कारावास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-वंश से समृद्ध प्रदेश में गौ-माता के संरक्षण के लिये समुचित प्रावधान किये जा रहे है। गौ-वध को रोकने के लिये समुचित व्यवस्था की गई है। गौ-वध का दोषी पाये जाने पर 7 वर्ष की सख्त सजा देने का कानूनी प्रावधान है।
प्रदेश है गौ-वंश में समृद्ध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश गौ-वंश में समृद्ध है। प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 39 लाख गायें हैं। वर्ष 2019 की पशु गणना के अनुसार मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। हम अगली पशुगणना में देश में प्रथम स्थान पर आने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-पालकों को प्रोत्साहन, गौ-वंश संरक्षण के सरकार के प्रयासों और योजनाओं की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में पशु चिकित्सा के लिये गौ-एंबुलेंस का संचालन भी किया जा रहा है।
शहरों और ग्रामों में अर्थव्यवस्था में भी सहयोगी है गौ-पालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश गौ-वंश संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। भारत विश्व में 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। शीघ्र ही भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। ग्रामों में कृषि कार्य के साथ पशुपालन एवं गौ-पालन किसान की आर्थिक समृद्धि में सहयोगी है। शहरों में भी गौपालन से पशुपालक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। मध्य प्रदेश इस क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहा है। पशुधन संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज राज्य स्तर पर गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गोवर्धन पूजा हमारी संस्कृति की प्रतीक भी है, जिससे विश्व में भारत की पहचान है।
मानवता का संरक्षण करती है गाय
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा को समर्पित इस पर्व से संबंधित यह मान्यता भी है कि भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन क्षेत्र के नागरिकों को आपदाओं से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। यह घटना भगवान द्वारा उन भक्तों को सुरक्षा देने का भी प्रतीक है, जो उनकी शरण में आते हैं। गोवर्धन पूजा में अन्न का पर्वत बनाया जाता है, इसे अन्नकूट कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के गायों के प्रति प्रेम से ही उनका नाम गोपाल हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व के हर देश में गौपालन देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में मालवी गाय विशिष्ट है। गाय माँ के समान है, वह सृष्टि की जननी भी मानी गई है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सर्वप्रथम गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था। गाय माँ लक्ष्मी का भी स्वरूप है और इसे कामधेनु भी माना जाता है। गाय के दूध में जो पोषक तत्व हैं, वह अन्य दुधारू पशुओं के दूध में नहीं है। इस तरह गाय कई रूपों में मानवता का संरक्षण करती है।
शहरों में प्रारंभ होंगी बड़ी गौ-शालाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौपालन एवं गौ संरक्षण के कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे शहरों में जहाँ हजारों की संख्या में गौ-वंश है, बड़ी गौशालाएँ प्रारंभ की जायेगी। शहरों की गौशालाओं में 5 हजार से लेकर 10 हजार तक गौवंश को रखने की व्यवस्था होगी। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में पशुधन संरक्षण और पशुपालन गतिविधियों के लिए 590 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया है।