पब्लिक फर्स्ट। रतलाम।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का रतलाम में छापा पड़ा है। सोमवार को टीम यहां प्रतिबंधित सूफा संगठन से जुड़े केस की जांच के लिए पहुंची। मार्च 2022 में राजस्थान के निंबाहेड़ा से संगठन के सदस्य विस्फोटक के साथ पकड़े गए थे। टीम इस केस से जुड़े मास्टरमाइंड इमरान के घर और फार्म हाउस की जांच कर रही है। इमरान जेल में है।
राजस्थान के निंबाहेड़ा में विस्फोटक के साथ पकड़े जाने के बाद आतंकियों का रतलाम कनेक्शन सामने आया था। रतलाम में मध्यप्रदेश और राजस्थान की STF की टीमों ने कार्रवाई करते हुए सूफा से जुड़े और आतंकी साजिश में शामिल रहे आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
मामला आतंक और टेरर फंडिंग से जुड़े होने पर 10 महीने पहले भी NIA की टीम रतलाम आई थी। जांच एजेंसी ने जांच पूरी कर जयपुर की स्पेशल NIA कोर्ट में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन पर जयपुर को दहलाने की साजिश का आरोप है।
जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की प्लानिंग थी
30 मार्च को राजस्थान के निंबाहेड़ा में आतंकी जुबेर, अल्तमस और सैफुल्ला को विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री के साथ पकड़ा गया था। आतंकी जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की प्लानिंग कर रहे थे। पकड़े गए सभी आतंकियों का रतलाम कनेक्शन सामने आया था। यहां के सूफा संगठन से ये सभी जुड़े हुए थे। राजस्थान ATS और रतलाम पुलिस ने गिरोह के सरगना इमरान सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।
ATS की टीम ने इमरान के घर और फार्म हाउस से संदेहास्पद सामग्री भी बरामद की थी। इस मामले में जांच करने के लिए NIA की टीम रतलाम पहुंची थी। टीम में सीनियर अधिकारियों सहित कुल 20 से ज्यादा सदस्य रतलाम पहुंचे थे, जिन्होंने पकड़े गए आतंकियों के नेटवर्क की जांच शुरू की थी।
आतंकियों की टीम इलेवन
- इमरान पिता मोहम्मद शरीफ
- आमिर खान उर्फ आमीन फावड़ा
- मोहम्मद आमीन पटेल
- सैफुल्लाह खान पिता रमजानी अली
- अल्तमश खान
- जुबेर खान पिता फकीर मोहम्मद
- मजहर खान पिता इसराइल खान
- फिरोज खान पिता फकीर मोहम्मद
- मोहम्मद यूनुस पिता याकूब याकी
- इमरान खान उर्फ इमरान कुंजड़ा पिता मोहम्मद यूनुस (सभी निवासी रतलाम)
- आकिफ अतीक निवासी ठाणे, महाराष्ट्र
इमरान देता था IED बम बनाने की ट्रेनिंग
NIA ने विशेष कोर्ट में रतलाम निवासी 10 आरोपियों और ठाणे महाराष्ट्र के एक आरोपी सहित कुल 11 आतंकियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया है। NIA ने अपनी चार्जशीट में बताया कि राजस्थान के निंबाहेड़ा में 30 मार्च 2022 को केस दर्ज किया गया है। कार में विस्फोटक के साथ पकड़े गए आरोपियों के मामले में की गई विस्तृत जांच में कुल 11 आरोपियों की भूमिका सामने आई है।
मुख्य आरोपी इमरान पिता मोहम्मद शरीफ है। उसने सूफा संगठन के अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर आतंक फैलाने की साजिश रची थी। इसके लिए मुख्य आरोपी इमरान खान ने अपने फार्म हाउस पर ट्रेनिंग और मीटिंग आयोजित कर IED बम बनाना भी अपने साथियों को सिखाया था। आईडी बनाने के लिए सामग्री इमरान ने लोकल मार्केट से जुटाई थी।
आतंकियों की स्लीपर सेल है सूफा
सूफा कट्टरपंथी सोच के कुछ युवकों का एक संगठन है। यह संगठन समाज में कट्टरपंथी सोच और तौर-तरीकों का हिमायती है। यह आतंकियों के स्लीपर सेल की तरह काम करता है। ग्रुप समाज में रहन-सहन के तौर-तरीके अपने हिसाब से चलाने के लिए विवादों में रहा है। मुस्लिम समाज के शादी-विवाह तथा अन्य कार्यक्रम रीति-रिवाजों को सूफा ने हिंदू रीति-रिवाज बताकर विरोध किया था। इस संगठन ने रतलाम में दो बड़े हत्याकांड को भी अंजाम दिया है।
तलाम के तरुण और कपिल हत्याकांड में शामिल रहा है सूफा
कपिल हत्याकांड: सितंबर 2014 को कांग्रेस नेता यास्मिन शेरानी पर आरोपियों ने गोली चलाई थी। इसके बाद कट्टरपंथियों ने उत्पात मचाया और शहर को कर्फ्यू में झोंक दिया था। कट्टरपंथियों ने महू रोड बस स्टैंड पर बजरंग दल नेता कपिल राठौड़ और उनकी होटल पर काम करने वाले पुखराज की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
तरुण हत्याकांड: 21 सितंबर 2017 की रात कॉलेज रोड पर लंबी गली निवासी तरुण सांखला की एक्टिवा सवार दो युवकों ने रंजिश में हत्या कर दी थी। पुलिस ने गोली मारने के आरोप में चिंगीपुरा निवासी अयाज पिता इदरीस, सलमान उर्फ पप्पन पिता हुसैन खान पठान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि कट्टरपंथी संगठन सूफा के लोगों ने हत्या का षड्यंत्र रचा और आरोपियों की मदद की।
पुलिस ने वसीम उर्फ पांडू पिता शब्बीर पठान निवासी चिंगीपुरा, असीम पिता जहूर शेरानी, अज्जू उर्फ मोइन पिता मंसूर खान, अल्तमस पिता बशीरखान शेरानी, सूफा सरगना असजद पिता जहूर खान चारों निवासी शेरानीपुरा और जुबेर पिता फकीर मोहम्मद निवासी आनंद कॉलोनी को गिरफ्तार किया था। जुबेर ने आरोपियों को पिस्टल उपलब्ध करवाई थी।
रतलाम में 2012 में शुरू किया था सूफा संगठन
बताया जाता है कि सूफा संगठन की शुरुआत रतलाम में 2012 में हुई थी। शुरुआत में 40 – 45 युवकों ने मिलकर इसे शुरू किया था। बाद में रतलाम के करीब 70 युवा और जुड़ गए। संगठन की शुरुआत असजद और जुबेर ने की थी। इनका मकसद इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार कर मुस्लिम समाज में मौजूद लोगों को जोड़े रखना था, लेकिन बाद में ये युवाओं को बहकाने का काम करने लगे।