फसल बीमा योजना में फसल के नुकसान का आकलन अब रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। बीमा कम्पनी द्वारा तय समय पर बीमा राशि नहीं देने पर 12 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।

केंद्रीय किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों से केंद्रीय बजट में कृषि से संबंधित सुझावों को लेकर बुलाई गई बैठक में यह बात कही। केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना में पहले क्रॉप कटिंग मैन्युअल से नुकसान का आकलन होता था। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि इसे अब सैटेलाइट बेस्ड यानी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। इससे फसल के नुकसान का सटीक आकलन होगा। डीबीटी के माध्यम से उचित समय पर राशि हस्तांतरित की जाएगी। अगर बीमा कंपनी क्लेम देने में विलंब करेगी तो उसे क्लेम राशि पर 12% ब्याज देना होगा। केंद्र अपने हिस्से की राशि तत्काल देगा। चौहान ने राज्यों से अपील करते हुए कहा कि वह भी तत्काल पैसा देने का प्रबंध करें। पीएम फसल बीमा योजना विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है।

मौसम आधारित फसलों के मामले में यह फैसला

उन्होंने कहा कि किसानों के हितों में मौसम आधारित फसल के लिए भी कई इंतजाम किए जा रहे हैं। किसानों के हित में कई फैसले लिए गए हैं। टॉप (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में कटाई के समय उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिए सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों के कामों के लिए परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।

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