नई दिल्ली में 26 जनवरी को आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में मध्यप्रदेश की झांकी ‘चीतों की वापसी की कहानी’ को प्रदर्शित करेगी। यह झांकी कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीका से लाए गए चीतों की वापसी की ऐतिहासिक घटना की झलक दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगी।
भारत में चीते की वापसी एक अंतरमहाद्वीपीय वन्यजीव स्थानांतरण की ऐतिहासिक पहल है, जो वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रही है। 1950 के दशक में विलुप्त हो चुके चीतों की आबादी को फिर से स्थापित करने में भारत को मिली यह ऐतिहासिक सफलता न केवल वन्यजीव संरक्षण बल्कि भारतीय पर्यावरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रोजेक्ट चीता – एक ऐतिहासिक उपलब्धि:
भारत में चीतों की वापसी की प्रक्रिया की शुरुआत 17 सितंबर 2022 को हुई, जब आठ चीतों का पहला समूह अफ्रीका से भारत लाया गया। इस समूह में 5 मादा और 3 नर चीते थे। इन्हें कूनो राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर (मध्यप्रदेश) में स्थानांतरित किया गया। इस प्रक्रिया की सम्पूर्ण निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई।
इसके बाद, 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से दूसरा समूह कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचा, जिसमें 12 चीते (7 नर और 5 मादा) थे। यह प्रोजेक्ट आज एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में उभर कर सामने आया है, जो राष्ट्रीय गौरव की पुनर्स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वन्यजीव संरक्षण की प्रतिबद्धता:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर राज्य सरकार की वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि “प्रोजेक्ट चीता” एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक नई उम्मीद लेकर आई है।
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