हाथरस में जुलाई 2024 में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की दुखद मृत्यु के मामले में, पुलिस ने अपनी 3200 पन्नों की चार्जशीट में प्रमुख संत नारायण हरि भोले बाबा का नाम शामिल नहीं किया है। इस चार्जशीट में 11 अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, जिन्होंने कार्यक्रम के लिए परमिट प्राप्त करने और आयोजन की जिम्मेदारी संभाली थी। 
पुलिस जांच के अनुसार, हादसे का मुख्य कारण भीड़ का अनियंत्रित होना और आयोजन में मिसमैनेजमेंट था। अनुमान से अधिक लोगों की उपस्थिति और सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी के चलते भगदड़ मची, जिससे यह त्रासदी हुई। 
हालांकि, इस चार्जशीट में भोले बाबा का नाम न होने पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने एसआईटी रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि मुख्य आयोजक की भूमिका पर चुप्पी चिंताजनक है और उन्हें क्लीन चिट देने का प्रयास चर्चा का विषय है। 
इस बीच, न्यायिक आयोग इस मामले की विस्तृत जांच कर रहा है, जिसमें भोले बाबा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। आयोग को इस माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिससे घटना के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला जा सकेगा। 
इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं और बड़े आयोजनों में सुरक्षा मानकों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाए हैं, जिनका समाधान आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
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