पब्लिक फर्स्ट । भोपाल । पुनीत पटेल ।
मध्यप्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी राजस्व आय में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस उद्देश्य के लिए विभागीय बजट में 29 करोड़ 4 लाख रुपये का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में नगरीय निकायों को अपनी आय में वृद्धि करने और आय के नए स्रोत तलाशने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार महापौरों के सुझावों के आधार पर विकास के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
प्रोत्साहन राशि का वितरण:
प्रोत्साहन योजना के तहत, नगरीय निकायों को उनकी आबादी के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक श्रेणी में आय वृद्धि के आधार पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले निकायों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि निम्नानुसार होगी:
• नगर पालिक निगम (जनसंख्या 5 लाख से अधिक): प्रथम स्थान पर 4 करोड़ रुपये, द्वितीय पर 2 करोड़ 50 लाख रुपये, तृतीय पर 1 करोड़ 50 लाख रुपये।
• नगर पालिक निगम (जनसंख्या 5 लाख से कम): प्रथम स्थान पर 3 करोड़ रुपये, द्वितीय पर 2 करोड़ रुपये, तृतीय पर 1 करोड़ रुपये।
• नगर पालिका परिषद (जनसंख्या 1 लाख से कम): प्रथम स्थान पर 2 करोड़ रुपये, द्वितीय पर 1 करोड़ 25 लाख रुपये, तृतीय पर 75 लाख रुपये।
• नगर परिषद (जनसंख्या 25 हजार से अधिक): प्रथम स्थान पर 1 करोड़ 25 लाख रुपये, द्वितीय पर 75 लाख रुपये, तृतीय पर 50 लाख रुपये।
• नगर परिषद (जनसंख्या 25 हजार से कम): प्रथम स्थान पर 75 लाख रुपये, द्वितीय पर 50 लाख रुपये, तृतीय पर 29 लाख रुपये।
प्रत्येक श्रेणी में राजस्व आय के आधार पर 3-3 नगरीय निकायों का चयन किया जाएगा। यह प्रोत्साहन योजना नगरीय निकायों को अपनी आय में वृद्धि करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे प्रदेश के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।