पब्लिक फर्स्ट । भोपाल । पुनीत पटेल ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि ओंकारेश्वर स्थित ‘एकात्म धाम’ का विकास महाकाल लोक परिसर की तर्ज पर किया जाए। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने अपने बाल्यकाल में ओंकारेश्वर में निवास किया था, और उनके दर्शन एवं शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित है, जो अद्वैत वेदांत के जागरण का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। 
मुख्यमंत्री ने प्रतिमा स्थल सहित सम्पूर्ण ओंकारेश्वर के समग्र विकास के लिए सभी आवश्यक कार्य सम्पन्न करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सिंहस्थ 2028 तक यह स्थान उज्जैन की तरह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र बन सके। ओंकारेश्वर में सुविधाओं के विकास से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एकात्म धाम और क्षेत्र में आने-जाने के सुविधाजनक मार्गों के निर्माण और प्रस्तावित रोप-वे की व्यवस्था के लिए समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, ओंकारेश्वर में 163 करोड़ रुपये की लागत से घाटों का निर्माण और एक नया ब्रिज बनाने की योजना प्रस्तावित है, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी। 
ओंकारेश्वर विकास प्राधिकरण के गठन की भी तैयारी की जा रही है, जिससे 600 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सके।  इन सभी प्रयासों का उद्देश्य ओंकारेश्वर को एक प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ किया जा सके।