राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी), भोपाल में हुए आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के चरणबद्ध आंदोलन के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने जांच में आरोपों को सही पाते हुए पूर्व कुलपति, कुलसचिव और वित्त नियंत्रक सहित अन्य दोषियों की कुल 10.77 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को कुर्क किया है।
- कैसे हुआ था भ्रष्टाचार ?
आरजीपीवी में आर्थिक अनियमितताओं के तहत विश्वविद्यालय के पैसों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के नाम पर निजी खातों में करोड़ों रुपये जमा किए गए थे। इस घोटाले में निवर्तमान कुलपति सुनील गुप्ता, कुलसचिव आर एस राजपूत और वित्त नियंत्रक की संलिप्तता पाई गई थी।
- अभाविप का आंदोलन:
अभाविप भोपाल ने इस आर्थिक भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए चरणबद्ध आंदोलन किया था। संगठन ने सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी, जिसके परिणामस्वरूप दोषियों पर आर्थिक अनियमितताओं की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए थे।
- प्रांत मंत्री का बयान:
अभाविप के प्रांत मंत्री श्री केतन चतुर्वेदी ने कहा, “उच्च जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई यह कार्रवाई निश्चित ही अभाविप की भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बड़ी जीत है। अभाविप ने पहले दिन से ही इस आर्थिक भ्रष्टाचार को उजागर करने एवं दोषियों पर कार्रवाई को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभाविप की लड़ाई दोषियों को संपूर्ण सजा मिलने तक जारी रहेगी।”
अभाविप के सतत प्रयासों और आंदोलन के परिणामस्वरूप आरजीपीवी भ्रष्टाचार मामले में ईडी की इस कार्रवाई से शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक मिसाल के रूप में देखी जा रही है।
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