उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज ऐतिहासिक हल्दीघाटी-देवरघाटी विजय उत्सव सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश क्षत्रिय लोक सेवा परिवार महासमिति द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
हल्दीघाटी का युद्ध (1576) भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें मेवाड़ के महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेनाओं के बीच भीषण युद्ध हुआ था। यह युद्ध वीरता, स्वाभिमान और मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ा गया था। इसी प्रकार देवरघाटी भी राजपूत वीरता और बलिदान का प्रतीक रही है। इन ऐतिहासिक युद्धों की स्मृति में प्रतिवर्ष यह विजय उत्सव आयोजित किया जाता है, ताकि नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से परिचित कराया जा सके।
- समारोह की प्रमुख झलकियाँ
समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विभूतियों को सम्मानित किया गया। इन विभूतियों ने शिक्षा, समाज सेवा, चिकित्सा, प्रशासन और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हैं।
राज्य मंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने अपने संबोधन में कहा,
“ऐसे आयोजनों से न केवल हमारे ऐतिहासिक गौरव को सम्मान मिलता है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा का संचार भी होता है।”
उत्तर प्रदेश क्षत्रिय लोक सेवा परिवार महासमिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस समारोह का उद्देश्य समाज के उन नायकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपने कार्यों से समाज को नई दिशा दी है। साथ ही, यह आयोजन युवाओं में देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को प्रबल करने का भी माध्यम है।
हल्दीघाटी-देवरघाटी विजय उत्सव सम्मान समारोह ने न केवल ऐतिहासिक स्मृतियों को ताजा किया, बल्कि समाज के प्रेरणास्रोत व्यक्तित्वों को भी सम्मानित कर एक नई मिसाल पेश की है।
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