HIGHLIGHTS
2017 से पहले UP की स्थिति
योगी सरकार का विकास रोडमैप
बड़े एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स
अर्थव्यवस्था पर असर और नई दिशा
उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पिछले सात वर्षों में एक बड़े परिवर्तन से गुज़री है। 2017 से पहले यह देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद विकास के कई मानकों पर लगातार पीछे रह गया था। प्रदेश की हालत ऐसी थी कि जर्जर सड़कों पर यात्रा करना मुश्किल था, उद्योग एक-एक कर बंद होते जा रहे थे, बिजली की उपलब्धता अनियमित थी और परिवहन व्यवस्था बदहाली का शिकार थी। इस स्थिति का सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, निवेश माहौल और आम नागरिकों के जीवन पर पड़ रहा था। लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के आने के बाद उत्तर प्रदेश ने ऐसी विकास यात्रा शुरू की जिसने राज्य की तस्वीर ही बदल दी। सरकार ने शुरुआत से ही इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी, क्योंकि इन्हीं क्षेत्रों में कमजोरी होने के कारण प्रदेश लंबे समय से पिछड़ता जा रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण, एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया। परिणामस्वरूप कुछ ही वर्षों में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और कई अन्य सड़क परियोजनाओं ने प्रदेश को नई गति दी। ये परियोजनाएँ सिर्फ सड़कें नहीं हैं, बल्कि आधुनिक उत्तर प्रदेश की रीढ़ बन चुकी हैं, जो राज्य के हर कोने को तेज़ रफ्तार से जोड़ रही हैं।
इन तेज़ विकास परियोजनाओं का प्रभाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई देने लगा है। बेहतर सड़कों ने लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट की लागत कम की है, निवेशकों के लिए प्रदेश में उद्योग स्थापित करना आसान हुआ है और छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक अब तेज़ और सुरक्षित यात्रा की सुविधा उपलब्ध है। एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाकों को भी मुख्यधारा के विकास से जोड़ा है, जिससे इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश अब उन राज्यों की श्रेणी में पहुंच चुका है जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर देश के सर्वोत्तम मॉडलों में गिना जाता है। इसी कारण प्रदेश अब बड़े घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है।
आज उत्तर प्रदेश में जो एक्सप्रेसवे नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह सिर्फ सड़क निर्माण का काम नहीं बल्कि एक व्यापक विकास दृष्टि का हिस्सा है, जो प्रदेश को नई पहचान दिला रहा है। इससे न केवल यात्राएँ आसान हुई हैं बल्कि उद्योगों के लिए नए अवसर खुले हैं, जिनसे आने वाले समय में लाखों रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश अब उस दिशा में बढ़ रहा है जहाँ वह एक मजबूत औद्योगिक, कृषि और लॉजिस्टिक्स राज्य के रूप में उभरेगा। आने वाले वर्षों में ये एक्सप्रेसवे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, और यही वजह है कि इस विकास मॉडल को देशभर में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
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