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टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली टूरिस्ट पनडुब्बी ‘टाइटेन’ रविवार को अटलांटिक महासागर में लापता हो गई। टाइटेन पनडुब्बी में एक पायलट और 4 पैसेंजर्स सवार थे। इनमें ब्रिटेन के अरबपति कारोबारी हामिश हार्डिंग भी शामिल हैं। सबमरीन को ढूंढने के लिए अमेरिका और कनाडा के जहाज और प्लेन्स को भेजा गया है।

द गार्जियन के मुताबिक, 18 जून की दोपहर को सबमरीन पानी में उतरने के 1.45 घंटे बाद रडार से गायब हो गई। अमेरिकी कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने कहा, ‘हम अनुमान लगा रहे हैं कि पनडुब्बी को खोजने के लिए हमारे पास 70 घंटों से लेकर 96 घंटों तक का समय है।’ रॉयटर्स के मुताबिक, इस सबमरीन में 96 घंटों की ऑक्सीजन होती है।

अमेरिका-कनाडा की रेस्क्यू टीम 900 मील के एरिया में तलाश कर रही
हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि सबमरीन अभी भी पानी में ही है या सतह पर आ चुकी है। अमेरिका-कनाडा की रेस्क्यू टीम ने केप कॉड से करीब 900 मील (1,450 किमी) पूर्व में तलाश शुरू कर दी है। इसके अलावा पानी में सोनार-बॉय भी छोड़े गए हैं, जो 13 हजार फीट की गहराई तक मॉनिटर कर सकते हैं। इसके अलावा कॉमर्शियल जहाजों से भी मदद मांगी जा रही है।

  1. टाइटैनिक जहाज के मलबे को लोग क्यों देखने जाते हैं
    दुनिया का सबसे बड़ा स्टीम बेस्ड यात्री जहाज टाइटैनिक 10 अप्रैल 1912 को अपने पहले सफर पर निकला था, जो उसका आखिरी सफर भी साबित हुआ। ब्रिटेन के साउथहैप्टन से शुरू हुआ सफर अमेरिका के न्यूयॉर्क में पूरा होना था। 4 दिन बाद, 14-15 अप्रैल को, ये एक आइसबर्ग से टकराकर अटलांटिक महासागर में डूब गया था। जहाज पर सवार 2,200 यात्रियों और क्रू में से 1,500 से अधिक की मौत हो गई थी। समुद्र में इसके मलबे की खोज 1985 में की गई थी।
  1. ये मलबा महासागर में कहां है?
    टाइटैनिक का मलबा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के सेंट जॉन्स से 700 किलोमीटर दूर अटलांटिक महासागर में है। सबमरीन का टूर न्यूफाउंडलैंड से शुरू होता है। इसमें 2 घंटे का समय लगता है। ये मलबा महासागर में 3800 मीटर की गहराई में है। टाइटैनिक जहाज 111 साल पहले डूबा था।
  2. टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए लगते हैं 2 करोड़ रुपए
    पनडुब्बी ओशियन गेट कंपनी की टाइटेन सबमर्सिबल है। इसका साइज एक ट्रक के बराबर है। यह पनडुब्बी कार्बन फाइबर से बनी है​​​​​​। टाइटैनिक का मलबा देखने जाने के लिए प्रति व्यक्ति 2 करोड़ रुपए फीस है

फरवरी में जारी हुआ था मलबा देखने जा रहे यात्रियों का वीडियो

इस साल फरवरी में मलबे की पिछली यात्राओं में से एक का वीडियो यूट्यूब पर जारी किया गया था। इसमें 80 मिनट के अनकट फुटेज थे। फिर मई में जहाज के मलबे का पहला फुल साइज 3-D स्कैन भी प्रकाशित किया गया था। हाई रिजॉल्यूशन फोटोज में मलबे को रिकंस्ट्रक्ट किया गया। इसके लिए डीप सी मैपिंग तकनीक का उपयोग किया गया था।

2022 में डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगलन लिमिटेड और अटलांटिक प्रोडक्शंस जो प्रोजेक्ट को लेकर डॉक्यूमेंट्री बना रहे हैं, ने फिर रिकंस्ट्रक्शन किया। अटलांटिक के तल पर जहाज के मलबे का सर्वेक्षण करने में 200 घंटे से ज्यादा समय व्यतीत करने वाले विशेषज्ञों ने रिमोटली कंट्रोल्ड पनडुब्बी से स्कैन बनाने के लिए 7 लाख से ज्यादा फोटोज लिए थे।

publicfirstnews.com

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