पब्लिक फर्स्ट। नई दिल्ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन समिट (SCO) की वर्चुअल समिट को होस्ट कर रहे हैं। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन शामिल हुए हैं। PM मोदी ने कहा- कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ये क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है। आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है।

PM मोदी ने ईरान के SCO में शामिल होने की घोषणा भी की। उन्होंने ईरान के लोगों को इसके लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा- भारत का सिद्धांत पूरा विश्व एक परिवार है। हम SCO को भी अपना परिवार मानते हैं।

मोदी की स्पीच की 3 बड़ी बातें…

  1. SCO भी हमारा परिवार
    PM मोदी ने कहा- हम SCO को अपना परिवार मानते हैं। पहली बार SCO मिलेट फूड फेस्टिवल, फिल्म फेस्टिवल, क्राफ्ट मेला, थिंक टैंक कॉन्फ्रेंस जैसी चीजें हुई हैं। SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में कार्यक्रम हुआ। SCO देशों के युवाओं की प्रतिभा को उजागर करने के लिए हमने कई कार्यक्रम किए हैं।
  2. आतंकवाद क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा
    प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ देश क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को नीतियों में जगह देते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। उन्होंने आतंकवाद को अपनी पॉलिसी का हिस्सा बना लिया है। आतंकवाद क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है। ऐसे मामलों में दोहरे मापदंड नहीं रखने चाहते। हमें आतंकवाद से मिलकर लड़ना होगा।
  3. अफगानिस्तान में मानवीय सहायता प्राथमिकता
    अफगािनस्तान पर भारत की चिंताएं SCO के दूसरे मेंबर्स की तरह ही हैं। अफगान नागरिकों को मानवीय समानता, महिलाओं-बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करना हमारी साझा प्राथमिकता है।

भारत के लिए क्यों जरूरी है SCO


SCO भारत को आतंकवाद से लड़ाई और सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात मजबूती से रखने के लिए एक मजबूत मंच उपलब्ध कराता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, SCO को लेकर भारत की तीन प्रमुख पॉलिसी हैं।

SCO की एकजुटता को लेकर उठते हैं सवाल


SCO में शामिल भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव रहा है, जबकि भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव रहा है। यही नहीं SCO में शामिल चार सेंट्रल एशियाई देशों के बीच भी विवाद रहे हैं।

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