पब्लिक फर्स्ट। सियोल।

अमेरिका ने सोमवार को एक और परमाणु पनडुब्बी साउथ कोरिया भेजी है। इसका नाम USS एनापोलिस है। साउथ कोरिया भेजी गई ये अमेरिका की दूसरी परमाणु पनडुब्बी है। पिछले हफ्ते अमेरिका ने 1983 के बाद पहली बार साउथ कोरिया में USS केंटकी नाम की पनडुब्बी भेजी थी। तब नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया को परमाणु हमले की चेतावनी दी थी। साथ ही कई मिसाइलें भी दागीं थीं।

नॉर्थ कोरिया ने कहा था कि अमेरिका की इन हरकतों से कोरिया में परमाणु जंग का खतरा बढ़ता जा रहा है। एनापोलिस परमाणु पनडुब्बी को फिलहाल जेजू आईलैंड पर डॉक किया गया है। एनापोलिस का मेन मिशन दुश्मन के जहाजों और सबमरीन को तबाह करना होता है।

वहीं, अमेरिका ने कहा है कि वो नॉर्थ कोरिया भागे अपने सैनिक को वापस लाने किम जोंग उन की सरकार से बातचीत कर रहे हैं।

नॉर्थ कोरिया भागे अमेरिकी सैनिक पर चुप हैं किम जोंग उन
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि वो नॉर्थ कोरिया भागे अपने सैनिक ट्रेविस किंग की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि हम नॉर्थ कोरिया से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन की तरफ से कोई बात नहीं की जा रही है।

AP ने एनालिस्ट्स के हवाले से बताया है कि इस बात की काफी संभावनाएं हैं कि नॉर्थ कोरिया कई हफ्तों और महीनों तक अमेरिका से बात नहीं करेगा। न ही हिरासत में रखे गए अमेरिकी सैनिक को लेकर कोई जानकारी देगा। एनालिस्ट्स का कहना है कि ट्रेविस किंग के बदले नॉर्थ कोरिया अमेरिका से मांग करेगा कि वो साउथ कोरिया को दी जाने वाली मदद कम करे।

शुक्र है उसे देखते ही गोली नहीं मारी
अमेरिका सेना में कमांडर रह चुके रिटायर्ड जनरल रॉबर्ट अब्राम्स ने बताया कि ये सेना से जुड़ी बड़ी बात है। उन्होंने कहा- मुझे ट्रेविस की चिंता है, लेकिन इस बात की खुशी है कि नॉर्थ कोरिया की सेना ने उसे देखते ही गोली नहीं मारी। ट्रेविस को पता चल रहा होगा की नॉर्थ कोरिया अपने देश में घुसने वाले लोगों को कितना गलत और गैरकानूनी व्यवहार करता है।

पहले भी बॉर्डर पार कर नॉर्थ कोरिया भाग चुके अमेरिकी
1950 से 1953 तक एक-दूसरे के खिलाफ जंग लड़ चुके अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच संबंध अच्छे नहीं है। अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर कई तरह की पाबंंदियां लगा चुका है। ऐसे में किसी अमेरिकी सैनिक का बॉर्डर पार कर नॉर्थ कोरिया जाना बड़ी घटना है। हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब कोई अमेरिकी भागकर नॉर्थ कोरिया चला गया हो।

1965 में अमेरिकी सार्जेंट चार्ल्स रोबर्ट जेनकिंस वियतनाम जंग में हिस्सा लेने से बचने के लिए नॉर्थ कोरिया भाग गए थे। इसके बाद उन्हें पूरे 39 साल बाद 2004 में नॉर्थ कोरिया से लौटने की इजाजत मिली थी। जापान लौटने के बाद उन्होंने बताया था कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया के सैनिकों को इंग्लिश पढ़ाई थी।

2009 में लॉस एंजिल्स का एक मिशनरी रॉबर्ट पार्क चीन की तरफ से क्रिसमस के दिन नॉर्थ कोरिया में घुस गया। इस दौरान उसने हाथ में बाइबिल पकड़ी थी और वो चिल्ला-चिल्ला कर ‘जीजस लव्स नॉर्थ कोरिया’ कह रहा था। रॉबर्ट पार्क को नॉर्थ कोरिया ने 43 दिन तक हिरासत में रखने के बाद देश से निकाल दिया।

वहीं, 2013 में एक युनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया का एक छात्र मेरिल एडवर्ड न्यूमैन नॉर्थ कोरिया चली गई थी। जहां उसे पोस्टर चुराने के आरोप में 15 साल की सजा दी गई थी। हालांकि, 2017 में 17 महीने की जेल की बाद उसे छुड़ा लिया गया था। अमेरिका लौटने के कुछ ही दिनों बाद उसकी मौत हो गई ।

publicfirstnews.com

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