पब्लिक फर्स्ट। नई दिल्ली।

विधानसभा चुनाव दिसंबर में हैं, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की पहली सूची सबसे पहले जारी करने वाली भाजपा राजस्थान में कब टिकटों का ऐलान करेगी। भाजपा मुख्यालय के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, 25 सितंबर के बाद ही सूची आने की उम्मीद है।

इस बार यह भी तय किया गया है कि पिछले चुनाव में 10 हजार से ज्यादा वोटों से हारने वाले 86 सीटों के उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। हालांकि, कुछ नियम व शर्तें भी तय की गई हैं, जिन पर खरा उतरने वालों को टिकट मिल सकता है। साथ ही इस बार 45 से कम उम्र वाले नए चेहरों को टिकट बंटवारे में तरजीह दी जाएगी।

4 बड़े कारण जिनकी वजह से जल्द टिकट घोषणा नहीं

  1. इलेक्शन कमेटी में शामिल पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह 10 सितंबर तक जी-20 शिखर सम्मेलन में व्यस्त रहेंगे।
  2. 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र है। सभी दिग्गज नेता इसमें मौजूद रहेंगे।।
  3. राजस्थान में इन दिनों परिवर्तन यात्रा का दौर है और 15-20 दिन सभी नेता-कार्यकर्ता उसी में जुटे रहेंगे। ऐसे में पार्टी टिकट की घोषणा करके उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहती।
  4. अलग-अलग राज्यों के 200 विधायकों की वह रिपोर्ट आनी भी बाकी है, जिसमें उन्होंने राजस्थान की सियासी नब्ज टटोली है।

टिकट के लिए ये 6 बड़े पैरामीटर तय

  1. इस बार के चुनाव में 45 साल से कम उम्र वाले चेहरे ज्यादा दिखेंगे।
  2. जो नेता 4-5 बार विधायक बन चुके हैं, उन सीटों पर नए चेहरों को मौका देंगे।
  3. जिन सीटों पर पार्टी में बगावत व भितरघात के कारण 10 हजार से ज्यादा वोटों से हार हुई, वहां जीतने योग्य उम्मीदवार का पैमाना लागू होगा।
  4. 28 सीटें, जिन पर भाजपा लगातार 3 चुनाव जीत चुकी है, वहां बुजुर्ग और कम सक्रिय विधायकों के टिकट काटकर जिला परिषद और पंचायत समिति स्तर के युवा नेताओं को भी टिकट मिलेंगे।
  5. जिन 19 सीटों पर लगातार 3 बार से पार्टी हार रही है, उन पर 5-6 सांसदों को, कुछ पर पार्टी में शामिल नए चेहरों और कुछ पर महिलाओं को उतारा जाएगा।
  6. भाजपा उन्हीं दावेदारों को प्राथमिकता देगी जो सर्वे में सबसे मजबूत उभर कर आए हों। भाजपा अब तक अलग-अलग स्तर पर 5-6 सर्वे करा चुकी है।

publicfirstnews.com

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