HIGHLIGHT FIRST-
- अयोध्या: राम मंदिर ट्रस्ट का बड़ा फैसला
- राम मंदिर में अब नहीं होगा मुख्य पुजारी का पद
- आचार्य सत्येंद्र दास के सम्मान में लिया गया ये महत्वपूर्ण निर्णय
- सत्येंद्र दास राम मंदिर के मुख्य पुजारी थे, जिनका योगदान अद्वितीय रहा
- राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की घोषणा
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ मंदिर की आंतरिक व्यवस्थाओं और पूजा पद्धतियों को लेकर भी राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, राम मंदिर ट्रस्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके अनुसार अब राम मंदिर में मुख्य पुजारी का पद नहीं होगा। यह फैसला राम मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के सम्मान में लिया गया है, जिन्होंने मंदिर के प्रबंधन और पूजा कार्यों में अतुलनीय योगदान दिया है।
आचार्य सत्येंद्र दास ने राम मंदिर के निर्माण और पूजा अर्चना के कार्यों में अपनी जिंदगी समर्पित कर दी थी। उनके योगदान को सम्मानित करते हुए, राम मंदिर ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया कि अब से मंदिर में पुजारी के पद को स्थायी रूप से समाप्त किया जाएगा, ताकि मंदिर की पूजा पद्धतियों और कार्यों में सामूहिक और पारदर्शी व्यवस्था हो।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि आचार्य सत्येंद्र दास का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनके योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास की वजह से राम मंदिर की पूजा विधि और आस्था में गहरी समर्पण भावना को देखा गया, और उनका मार्गदर्शन हर राम भक्त के लिए प्रेरणादायक रहा।
इस निर्णय से यह संदेश जाता है कि राम मंदिर की पूजा का कार्य अब एक सामूहिक प्रयास के रूप में किया जाएगा, जिसमें सभी पुजारियों का योगदान समान रूप से माना जाएगा। यह बदलाव राम मंदिर की धार्मिक व्यवस्थाओं को और अधिक समावेशी और संगठित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट के इस फैसले के बाद मंदिर की पूजा व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता और सहयोग की भावना देखने को मिलेगी। यह निर्णय न केवल राम मंदिर के भक्तों के लिए बल्कि आचार्य सत्येंद्र दास के प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक बन जाएगा, जिन्होंने अपने जीवनकाल में मंदिर के विकास और प्रतिष्ठा के लिए अथक प्रयास किए।
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