HIGHLIGHT FIRST :
- जयप्रकाश नगर: आजादी और लोकतंत्र का महान तीर्थ – यशवंत सिंह
बलिया जिले में स्थित जयप्रकाश नगर को आजादी और लोकतंत्र का महान तीर्थ बताते हुए लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संरक्षक एवं पूर्व मंत्री यशवंत सिंह ने कहा कि यहां की हर ईंट पर राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर की ऊँगलियों के निशान आज भी जीवित हैं। जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बने इस स्मारक को देश के हर नागरिक को एक बार अवश्य देखना चाहिए।
- जयप्रकाश नगर की ऐतिहासिक विरासत :
पूर्व मंत्री यशवंत सिंह ने बताया कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंग्रेजी हुकूमत और इमरजेंसी के खिलाफ लोकतंत्र की लड़ाई के महानायक थे। उनका सपना था एक समृद्ध, सशक्त और ईमानदार भारत का, जिसे उन्होंने अपने जीवन भर साकार करने का प्रयास किया।
राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर ने भी जेपी के सपनों को जिया, मिनिस्ट्री का ऑफर ठुकरा कर इमरजेंसी के विरोध में जेल गए और जयप्रकाश नगर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भोड़सी आश्रम की वर्तमान स्थिति पर चिंता
यशवंत सिंह ने भोड़सी आश्रम की वर्तमान दशा पर चिंता जताते हुए कहा कि यह वही स्थान है जहां कभी निर्मल बयार और सुगंध के लिए लोग दूर-दूर से आते थे। उन्होंने सरकार से आश्रम के रख-रखाव में और रुचि लेने की अपील की।
- स्मारक के रख-रखाव की सराहना:
जयप्रकाश नगर स्थित स्मारक के बेहतर रख-रखाव के लिए विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह उर्फ पप्पू की सराहना की गई। यशवंत सिंह ने कहा कि स्मारक की स्थिति पहले से काफी बेहतर है और यहां आते ही भीतर से आवाज उठती है – “जेपी बाबू, चन्द्रशेखर – ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद।”
- बैठक में शामिल प्रमुख लोग:
इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई।
बैठक में सामाजिक सेनानी राघवेन्द्र त्रिपाठी, चंद्रशेखर ट्रस्ट के प्रबंधक ब्रजेश कांदू, कोषाध्यक्ष लालबहादुर सिंह, कन्हैया टंडन, रामह्रदय राम, जगदीश राय, संजय गुप्ता, राहुल पाल और अजमल अंसारी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
जयप्रकाश नगर में लोकतंत्र और आजादी के इन महानायकों की स्मृतियों को संजोने और आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया गया।
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