पब्लिक फर्स्ट। खार्तूम

सूडान की राजधानी खार्तूम में आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच चल रही लड़ाई को 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं। इस बीच वहां म्योगमा नाम के एक अनाथालय में भूख-प्यास के चलते 60 बच्चों की मौत हो गई है।मरने वाले बच्चों में 3 महीने के नवजात भी शामिल हैं। 26 बच्चों की मौत पिछले 2 हफ्तों में हुई बताई जा रही है। दरअसल, लड़ाई की वजह से सूडान में सप्लाई चेन ठप हो गई है। जिसके चलते लोगों को खाना नहीं मिल पा रहा है। अनाथालय में काम करने वाले कर्मचारियों ने मरते बच्चों के वीडियो बनाकर लोगों से मदद की गुहार लगाई है। वीडियो में नवजात के शवों को सफेद कपड़ों में लिपटा हुआ दिखाया गया है।

जंग से परेशान लोग और केयर सेंटर बच्चों को अनाथालय में छोड़ रहे हैं। जंग शुरू होने के बाद से म्योगमा अनाथालय में 400 बच्चे हैं। जबकि उनकी देखभाल करने के लिए सिर्फ 20 कर्मचारी हैं। वहां काम कर रहे डॉक्टर का कहना है कि नवजात बच्चों को हर तीन घंटे में खाना देने की जरूरत है, लेकिन उनके पास लोग नहीं है। बच्चों को बुखार और डिहाईड्रेशन हो रहा है।म्योगमा के लिए काम करने वाले एक डॉक्टर ने बताया है कि वहां रोजाना बच्चों की मौत हो रही है। उन्हें बचाने के लिए लोगों से ऑनलाइन अपील की जा रही हैं। हालांकि, इसका कोई असर नहीं हो पा रहा है। पूरा खार्तूम मिलिट्री जोन में बदल चुका है लोगों को घर से बाहर आने में भी डर लग रहा है। वहां काम करने वाले एक वॉलेंटियर अफकार ओमर मुस्तफा ने हालातों को बहुत मार्मिक बताया है।

सूडान की लड़ाई में अब तक 700 से ज्यादा की मौत हो चुकी है, जिनमें 190 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, 13 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। यूनिसेफ के मुताबिक वहां 13 लाख से ज्यादा बच्चों को तुरंत मदद की जरूरत है।15 अप्रैल को शुरू हुई जंग में न तो आर्मी के जनरल अब्देल फतह बुरहान पीछे हटने को तैयार हैं और न ही पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडर जनरल मुहम्मज हमदान। कई बार सीजफायर का ऐलान जरूर हुआ है लेकिन दोनों के बीच विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है।

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