प्रहलाद पटेल के गुस्से का शिकार होंगे दमोह एसपी ??

क्या है परदे के पीछे की कहानी !!

पब्लिक फर्स्ट। दमोह ।
मप्र के दमोह के सियासी दंगल में सियासी दांव पेंच अब और तल्ख़ होता जा रहा है। हालांकि हैरानी की बात ये है कि ये शह मात का खेल, भाजपा के भीतर ही चल रहा है।
आपको बता दें कि, मध्यप्रदेश में भाजपा नेताओं की अपनी सरकार के खिलाफ नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। इस कड़ी में नया नाम केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का। भाजपा के दिग्गज नेता प्रहलाद पटेल ने दमोह पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर आज दमोह पुलिस का बहिष्कार कर दिया है।

खुद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मीडिया के सामने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आज से हम निजी गार्ड के अलावा दमोह पुलिस की कोई भी सेवाएं नहीं लेंगे। भाजपा सांसद की नाराजगी की वजह दमोह पुलिस की ओर से सुसाइड के केस में भाजपा के एक कार्यकर्ता के खिलाफ केस दर्ज करना है।

दरअसल दमोह के धरमपुरा से सेल्समैन विक्की रोहित की आत्महत्या केस में पुलिस ने भाजपा पार्षद यशपाल ठाकुर तथा भाजपा नेता मोंटी रैकवार समेत चार लोगों पर केस दर्ज किया है। इसको लेकर आज बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता प्रहलाद सिंह पटेल से मिलने पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि आत्महत्या मामले में उन्होंने पुलिस से पूरे मामले की बरीकी से जांच करने की बात कही थी। लेकिन जो दमोह पुलिस ने किया है, वह जल्दबाजी है। पुलिस ने जल्दबाजी में कार्रवाई की है। यशपाल मेरे कार्यकर्ता है और मैं हर कीमत पर उनके साथ है। जो जल्दबाजी की है, मैं उसके खिलाफ हूं। जब तक इनको न्याम नहीं मिलेगा, मैं दमोह पुलिस की कोई सेवा नहीं लूंगा।

पर्दे के पीछे की कहानी-

दरअसल, दमोह में भाजपा के दो दिग्गज नेता, प्रह्लाद पटेल और जयंत मलैया के बीच खींचतान अब चरम पर पहुंच गई है। बताया जाता है कि, आत्महत्या करने वाला विक्की रोहित, जयंत मलैया का समर्थक था। जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने, पुलिस ने आत्महत्या के मामले में सख्त कार्रवाई का दबाव बनाया था। पुलिस ने आनन फानन में जिन लोगो के खिलाफ केस दर्ज किया उनमें से यशपाल, केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के समर्थक है। चुनावी साल में अपने समर्थक के खिलाफ हुई कार्रवाई से, प्रह्लाद पटेल भड़क गये । ऐसे में, वर्चस्व की इस जंग का पटाक्षेप, एसपी के खिलाफ कार्रवाई के ज़रिये की जायेगी या फिर प्रह्लाद पटेल के गुस्से को नज़रअंदाज़ किया जायेगा। दोनो ही स्थिति में भाजपा की भीतरी गुटबाज़ी से, दमोह के दंगल में ताक लगाये बैठी, कांग्रेस अपना सियासी फायदा उठा सकती है। publicfirstnews.com

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