मानहानि मामले में की थी सजा पर रोक की मांग

पब्लिक फर्स्ट | नई दिल्ली | हाईकोर्ट की ओर से गुरुवार को जारी सूची के हिसाब से जस्टिस हेमंत प्रच्छक की कोर्ट शुक्रवार सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगी। अगर कोर्ट से राहुल के पक्ष में फैसला आता है तो कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। 

मोदी उपनाम टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक से जुड़ी याचिका पर आज यानी सात जुलाई को फैसला आएगा। हाईकोर्ट की ओर से गुरुवार को जारी सूची के हिसाब से जस्टिस हेमंत प्रच्छक की कोर्ट शुक्रवार सुबह 11 बजे अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले राहुल ने पुनर्विचार याचिका दायर कर अपनी सजा पर रोक की मांग की थी।

दरअसल, राहुल गांधी द्वारा 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में मार्च में सूरत की अदालत ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। ऐसे में अगर हाईकोर्ट से राहुल के पक्ष में फैसला आता है तो कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

मई में नहीं मिली अंतरिम राहत

इससे पहले जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।

राहुल के वकील ने दी थी यह दलील

राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो देंगे।

राहुल ने क्या कहा था?

दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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