पब्लिक फर्स्ट । हरदा ।

सरपंच, उपसरपंच, पंच सहित सैकड़ों आदिवासी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल
मंत्री कमल की कमल खिलाने की मुहिम में चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी चारों खाने चित……..

हरदा /भोपाल: इलेक्शन मोड़ पर चल रहे मध्यप्रदेश में चुनावी कशमकश के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के बीच दाव पेंच चल रहे हैं। लेकिन प्रदेश के सबसे छोटे जिले हरदा में कमल खिलाने की जंग में कृषि मंत्री कमल पटेल रोज न रोज कांग्रेस पार्टी को बैकफुट पर जाने का प्रबंध करते रहते हैं। जिसके कारण कांग्रेसी खेमे में मायूसी छाई रहती है।

ग्राउंड रिपोर्ट से पता चलता है कि हरदा जिले में विकास कामों की बयार आई हुई है। जिले के गांवो ,शहरों, कस्बों में विकास की डबल इंजन की ट्रेन सटासट दौड़े जा रही है। विकास रथ का पहिया जिले में इस तरह से चल रहा है जिससे स्थानीय नागरिक खास तौर पर आदिवासी बंधु कमल पटेल के कमल खिलाने के अभियान में स्वत: ही अपने आप को जोड़ते हुए भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि आजादी के बाद से जब से हरदा में कमल के रूप में कमल खिला है।तो हरदा कई क्षेत्रों में देश और प्रदेश में अव्वल बना हुआ है। हमारा हरदा जिला ही एकमात्र मध्यप्रदेश में ऐसा जिला है ।जो पूर्णता सिंचित जिला है। हर घर जल नल योजना के साथ शहरों से गांवों की सड़क कनेक्टिविटी, प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना सहित ऐसी ढेरों योजनाएं हैं। जिसमें हरदा जिला प्रदेश के पहले पायदान पर है।

हरदा जिले में विकास पर्व के चलते कृषि मंत्री कमल पटेल कहते हैं कि हरदा जिले में विकास की गंगा बह रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सुविचारो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हरदा जिले के हर तबके के व्यक्ति के कल्याण करने का संकल्प पार्टी ने उठाया हुआ है। हमारे हरदा जिले में 464 गांव हैं। जिसके प्रत्येक घर में गाने हमारी सरकार ने नल जल योजना की स्वीकृति प्रदान की है। अब हरदा का एक एक घर नल की टोटी से पानी लेगा।सड़कों के बिछाए जाल से व्यापारिक आर्थिक क्रांति का शंखनाद होने जा रहा है। वही हमारा जो सूत्र सूत्र वाक्य है। “जो कहते हैं सो करते हैं” की तर्ज पर क्षेत्र के लोग प्रभावित होकर कमल (बीजेपी) से जुड़ रहे है।सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर हरदा का विकास हो रहा है।

दूसरी ओर प्रदेश में दोनों दल चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं।हरदा जिले में राजनीतिक तापमान को हाई वोल्टेज पर कृषि मंत्री कमल पटेल कांग्रेस के लिए दिन प्रतिदिन बनाते रहते हैं। बीते 3 पखवाड़े से लेकर अभी तक कोई ऐसा दिन नहीं गया जब कृषि मंत्री पटेल ने कांग्रेस पार्टी को राजनैतिक झटके न दिए हो। नगरीय चुनाव, पंचायत चुनावो में तो कृषि मंत्री पटेल ने कमल तो खिलाया ही था लेकिन जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की बेला आती जा रही है। बे अब कांग्रेस को चारों खाने चित करने की रणनीति में लगे हुए हैं ।बीते दिनों गुर्जर समुदाय के एक बड़े तबके को उन्होंने कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में लाकर कमल खिलाने की मुहिम को आगे बढ़ाया था ।

वही सोमवार को एक दर्जन गांवों के आदिवासियों भाइयों के साथ सरपंच, उपसरपंच, पंच सहित सैकड़ों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए। सरपंच सुमेर सिंह, उपसरपंच ललित विश्नोई सहित कृषि मंत्री पटेल के साथ उपस्थित पंचों का कहना है कि आजादी के बाद हमारे आदिवासी बहुल गांवो की सुध कभी भी कांग्रेस पार्टी ने नहीं ली। लेकिन मंत्री कमल पटेल ने यहा की सुध ली और उन्होंने 10 करोड़ से अधिक राशि की लागत से आदिवासी बहुल गांवो की सड़कें बनाने का निर्णय लिया। इससे हम सब उनसे प्रभावित हुए और क्षेत्र में कमल खिलाने के लिए कमल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो गए हैं।

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