उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज तीर्थराज प्रयाग में पूज्य संतजन और धर्माचार्यों के पावन सान्निध्य में आयोजित अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के कार्यक्रम में भाग लिया। इस ऐतिहासिक आयोजन में योगी आदित्यनाथ जी ने धर्म, एकता और समाज कल्याण के महत्व पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “जब हम संतों के बीच मिलते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हम ‘गुरु भाई’ मिल रहे हों, जहाँ कोई भेदभाव नहीं होता। यह अद्भुत एकता और भाईचारे का प्रतीक है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि महाकुम्भ का संदेश हम हर सनातन धर्मावलम्बी के घर तक पहुंचाने में सफल होंगे।”

उन्होंने आयोजन से जुड़े सभी पूज्य संतजन, महामंडलेश्वर एवं योगेश्वर गण का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह आयोजन समाज में धार्मिक एकता और संस्कृतियों के मेल-जोल को बढ़ावा देता है, और हमें अपने समाज के उत्थान के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा देता है।”

महाकुम्भ के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के महत्व और उसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जिसमें विश्वभर से आए संतों और धर्माचार्यों ने एकता, शांति और सद्भाव के संदेश को फैलाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से सनातन धर्म की गहरी जड़ों और उसकी सामाजिक शक्ति को फिर से पुनर्जीवित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंत में कार्यक्रम में शामिल सभी संतों, महामंडलेश्वर और योगेश्वर गण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “संतों का मार्गदर्शन और उनकी उपस्थिति समाज में सशक्त बदलाव लाने का कारण बन सकती है।”

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