पब्लिक फर्स्ट, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने गुरूवार यानी 1 जून को कहा कि, देश की सीमाओं पर दुश्मनों के खिलाफ़ लड़ने की जगह, उन्हें अपनी ताकत दिखाने के बदले हम आपस में एक दूसरे से लड़ रहे हैं। ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि, भारत की एकता और अखंडता के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को कोशिश करना चाहिए। इसके साथ ही भागवत ने कहा कि, भारत ने वैश्विक आर्थिक संकट और कोरोना महामारी के दौरान सभी देशों में से सबसे अच्छा प्रदर्शन हमारे देश ने किया। भारत को इस साल जी-20 की अध्यक्षता भी मिली और ‘‘इस गौरव को हम सब महसूस कर सकते है।

देश में नहीं है मुस्लिमों को खतरा : मोहन भागवत

मोहन भागवत ने देश के मुस्लिमों को लेकर भी बड़ी बात कही। मोहन भागवत ने कहा कि, भारत में इस्लाम को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है, पर उसे ‘हम बड़े हैं’ और हम फिर राजा बनेंगे का का भाव छोड़ना होगा। भागवत ने कहा अगर ‘‘ऐसा सोचने वाला कोई हिन्दू भी है तो उसे यह भाव छोड़ना होगा और अगर कोई कम्युनिस्ट है, तो उनको भी ऐसा सोचना बंद करना होगा। भागवत ने आगे कहां कि, यहां कहीं भी मुस्लिमों को डरने की जरूरत नहीं है।

वहीं उन्होंने कहा कि हमारे समाज में पंथ और धर्म से जुड़े कई विवाद चलते रहते हैं। हम यह भूल जाते है कि हमारा देश एक है। भागवत ने कहा, ‘‘ हम सभी को भारत की एकता और अखंडता के लिए प्रयास करना चाहिए। अगर कुछ कमियां हैं तो हमें उसे सही करना चाहिए।

बतादें कि, मोहन भागवत ने ये बातें ‘ऑर्गेनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ को दिए गई अपने एक इंटरव्‍यू में कहीं। उन्‍होंने अपने बयान में कहां कि, हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने एवं साथ लेकर चलने की प्रवृति माना जाता है। इसलिए यहां सभी धर्म फले-फूले हैं। सरसंघचालक ने कहा, सीधी सी बात है‘‘हिन्दुस्थान, हिन्दुस्थान बना रहे। इससे आज भारत में जो मुसलमान रह रहे हैं, उन्हें किसी तरह का कोई खतरा और नुकसान नहीं है। वह हैं, रहना चाहते हैं और रहें। पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं… उनके मन के पर है।’’

भागवत ने कहा कि, हिन्दू समाज एक ऐसा है जहां आक्रामक नहीं है, इसलिए अहिंसा, अनाक्रामकता, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता.. यह सब बचाये रखना है। हमने देखा ‘‘तिमोर, सूडान को जो पाकिस्तान बना। ऐसा क्यों हुआ?

अपने इंटरव्‍यू में उन्होंने आगे कहा कि, एलजीबीटी समुदाय का भी समर्थन किया गया। उनकी निजता का सम्मान होना चाहिए। संघ इस विचार को प्रोत्साहित करेगा। उन्‍होंने आज कहा कि, ”जब से मानव का अस्तित्व है तब से इस तरह के झुकाव वाले लोग हमेशा से थे, यह जैविक है, जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि, हम यह चाहते हैं कि, एलजीबीटी समुदाय को उनकी निजता का हक मिले और वह इसे महसूस कर सके कि वह भी इस समाज का एक हिस्सा हैं। यह एक साधारण सा मामला है।”

उन्होंने ट्रांसजेंडर को लेकर एक बयान देते हुए कहा कि ‘‘देश में ट्रांसजेंडर भी कोई समस्या नहीं हैं। उनका अपना एक पंथ है, उनके अपने देवी-देवता हैं जिन्हें वे पूजते है, अब तो उनके महामंडलेश्वर हैं।’

भागवत ने कहा, ‘‘नई-नई तकनीक आती रहेंगी, पर यह तकनीक मनुष्यों के लिए है। कृत्रिम बुद्धिमता को लेकर लोगों को डर लगता है कि वह अगर निर्बाध रहा तो कल मशीन का राज न हो जाए।

Share.

Comments are closed.